
Chhattisgarh illegal migrants-
रायपुर: बांग्लादेश के मुंशीगंज से करीब 16 साल पहले सीमा पार कर रायपुर पहुंचे मोहम्मद दिलावर खान ने न सिर्फ खुद को भारतीय नागरिक दर्शाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए, बल्कि आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे सरकारी दस्तावेज भी हासिल कर लिए। अब रायपुर पुलिस ने उसे उसकी पत्नी और नाबालिग बेटी के साथ गिरफ्तार किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को 13 जून को सूचना मिली कि टिकरापारा क्षेत्र में एक अंडा ठेले वाला व्यक्ति विदेशी है। जानकारी के आधार पर टिकरापारा पुलिस ने धर्मनगर इलाके में दबिश दी, जहां दिलावर खान के घर से उसकी पत्नी परवीन बेगम और नाबालिग बेटी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दिलावर ने स्वीकार किया कि वह 16 साल पहले अवैध रूप से भारत आया था और एक साल बाद अपनी पत्नी को भी लेकर आया।
रायपुर में ठिकाने और काम

रायपुर में टिकरापारा इलाके के चार अलग-अलग घरों में रह चुका दिलावर पहले मजदूरी करता था, बाद में उसने अंडा बिरयानी का ठेला शुरू किया। फिलहाल वह एक सरकारी कार्यालय के बाहर ठेला लगाता था। उसका बेटा रहमान अब मलेशिया में है, जिसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है।
1000 रुपए में बनी MP बोर्ड की फर्जी मार्कशीट

दिलावर ने बताया कि उसके साथ काम करने वाले एक कर्मचारी ने ₹1000 में उसे मध्य प्रदेश के रीवा जिले के एक स्कूल की नकली मार्कशीट बनाकर दी थी। इस दस्तावेज के आधार पर उसने पैन कार्ड, आधार और पासपोर्ट तक बनवा लिया। बाद में परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी दस्तावेज तैयार कराए।
कौन हैं मददगार?
पुलिस के अनुसार फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में दिलावर को स्थानीय लोगों की मदद मिली। दस्तावेज तैयार करने में शामिल व्यक्ति और अनुशंसा पत्र देने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं और हैंडराइटिंग विशेषज्ञ से जांच भी करवाई जा रही है।
बेटे रहमान का क्या हुआ?
दिलावर का बेटा रहमान रायपुर में एक मैकेनिक के पास काम करता था। पारिवारिक विवाद के बाद वह अलग रहने लगा और रायपुर छोड़ दिया। बाद में उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और अब वह मलेशिया में काम कर रहा है।
इंटेलिजेंस की नाकामी?
दिलावर खान जैसे कई बांग्लादेशी नागरिक छत्तीसगढ़ में वर्षों से रह रहे हैं। अब तक रायपुर, दुर्ग और रायगढ़ से दर्जनभर से अधिक विदेशी नागरिक गिरफ्तार हो चुके हैं। कई बार वे बांग्लादेश भी गए हैं और मोबाइल ऐप से संपर्क में बने रहे हैं। परंतु इंटेलिजेंस एजेंसियां इनकी पहचान करने में असफल रही हैं।
1500 बांग्लादेशी और रोहिंग्या की मौजूदगी की आशंका
गृह विभाग के अनुसार प्रदेश में लगभग 1500 बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश दुर्ग, भिलाई, मोहला मानपुर, कवर्धा, रायगढ़, कोरबा, कोरिया, और सरगुजा जैसे जिलों में बसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए जल्द ही एक एसओपी जारी किया जाएगा।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पुलिस अब दिलावर के मददगारों की पहचान कर रही है—जिसमें मकान मालिक, दस्तावेज बनवाने वाले लोग और अनुशंसा पत्र देने वाले शामिल हैं। आने वाले दिनों में सभी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इन्हें भी देखे –
