Cough Syrup Case -रायपुर/राजिम। राजस्थान में जिन बच्चों की मौत डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड (Dextromethorphan Hydrobromide) कफ सिरप पीने से हुई थी, अब उसी कंटेंट वाला कफ सिरप छत्तीसगढ़ की औषधि प्रयोगशाला (Drug Testing Lab) में जांच के दौरान नकली (Fake) पाया गया है।
यह सिरप बाजार में ‘बेस्टो कॉफ’ (Besto Cough) नाम से बेचा जा रहा था। औषधि विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि मेडिकल स्टोर से नकली सिरप की बिक्री का रैकेट चलाया जा रहा था।
🧪 21 जुलाई को लिया गया था सैंपल, रिपोर्ट में सिरप निकला नकली
21 जुलाई को औषधि प्रशासन विभाग ने राजिम स्थित कुलेश्वर मेडिकल एंड जनरल स्टोर से डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप का सैंपल कलेक्ट किया था।
लैब रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि यह सिरप नकली है।
रिपोर्ट आने के बाद औषधि प्रशासन ने संबंधित दवा निर्माताओं को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी।
🏭 निर्माताओं ने भी मानी नकली सिरप की बात — बोतल पर नकली लेबल चिपका
संबंधित दवा निर्माताओं ने भी यह स्वीकार किया कि सैंपल नकली है, लेकिन इस बात से इनकार किया कि वह सिरप उनके द्वारा निर्मित है।
जांच के दौरान सामने आया कि सिरप की बोतल पर ‘आज्ञा बायोटैक’ (Haridwar, Uttarakhand) कंपनी का फर्जी लेबल चिपकाया गया था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बोतल पर बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट दर्ज नहीं थी।
जहां सिरप में 15 mg डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड होना चाहिए था, वहीं रिपोर्ट में केवल 9 mg पाया गया।
🚨 सप्लाई चैन की जांच शुरू — कई जिलों से 50 से ज्यादा सैंपल कलेक्ट
नकली सिरप की पुष्टि के बाद औषधि प्रशासन ने इसकी सप्लाई चैन की गहन जांच शुरू कर दी है।
अब तक छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से 50 से अधिक कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
यह पता लगाया जा रहा है कि नकली दवाएं कहां से आ रही हैं और किन चैनलों के जरिए बेची जा रही हैं।
💊 मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार, मेडिकल स्टोर संचालक सीताराम साहू के पास सिरप की खरीद-बिक्री के वैध बिल नहीं मिले।
पूछताछ में उन्होंने दावा किया कि सिरप रायपुर की KPS फर्म से खरीदा गया है, लेकिन जब रायपुर और गरियाबंद की संयुक्त टीम ने जांच की, तो यह दावा झूठा निकला।
जांच में सामने आया कि जो बिल संचालक ने दिए थे, वे कफ सिरप के नहीं थे।
इसके बाद KPS फर्म ने सिविल लाइन थाने में मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
⚠️ एक्सपायर सिरप को नए लेबल लगाकर बेच रहे थे
औषधि प्रशासन की जांच में यह भी सामने आया कि एक्सपायर हो चुके सिरप को नए लेबल लगाकर बाजार में बेचा जा रहा था।
छापेमारी के बाद 800 ml के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिसमें तीन स्थानों से लिए गए सैंपल नकली पाए गए।
रिपोर्ट ने पुष्टि की कि यह सिरप मानक से कम गुणवत्ता वाला और पूरी तरह नकली था।
🧴 कंपनी और मार्केटर को भी लिखा गया पत्र
औषधि प्रशासन विभाग ने इस मामले में आज्ञा बायोटैक (हरिद्वार) और सिरप की मार्केटिंग करने वाली कंपनी को पत्र लिखकर जवाब मांगा।
दोनों कंपनियों ने जवाब में यह स्पष्ट किया कि जांच में मिला सिरप नकली है और उनका असली उत्पाद नहीं है।
यह मामला अब औषधि प्रशासन के लिए पहली बार नकली कफ सिरप की आधिकारिक पुष्टि के रूप में सामने आया है।
🧬 पहली बार नकली कफ सिरप की पुष्टि, जांच जारी
पहले कई बार अमानक (substandard) कफ सिरप की रिपोर्ट आती रही हैं, लेकिन पूरी तरह नकली सिरप की पुष्टि पहली बार हुई है।
इसी को ध्यान में रखते हुए औषधि प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के 100 से ज्यादा कफ सिरप सैंपल एकत्र कर जांच के लिए भेज दिए हैं।
🗣️ डिप्टी ड्रग कंट्रोलर बोले – दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
बेनी राम साहू, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर, औषधि प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ ने कहा —
“लैब रिपोर्ट में सिरप नकली साबित हुआ है। अब हम इसकी सप्लाई चैन का पता लगा रहे हैं।
संबंधित दवा कंपनियों को पत्र लिखा जा चुका है।
जांच पूरी होते ही दोषियों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
