
Retirement Plan of Amit Shah
Retirement Plan of Amit Shah -केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा करते हुए कहा कि वे प्राकृतिक खेती करेंगे और वेद-उपनिषदों का अध्ययन करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अपने रिटायरमेंट प्लान का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट के बाद वे प्राकृतिक खेती करेंगे और वेद और उपनिषद का अध्ययन करेंगे।
यह बात उन्होंने ‘सहकार संवाद’ कार्यक्रम के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की महिलाओं और सहकारी कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कही।
शाह ने कहा:
“प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है, जिससे अनेक लाभ मिलते हैं। मैं खुद अपने खेतों में नेचुरल फार्मिंग करता हूं और उत्पादन में करीब डेढ़ गुना की बढ़ोतरी देखी है।”
प्राकृतिक खेती पर शाह के दो अहम विचार:
1. एक गाय से हो सकती है 21 एकड़ खेती
शाह ने बताया कि प्राकृतिक खेती में केवल एक गाय का गोबर पर्याप्त होता है। इससे तैयार खाद से 21 एकड़ जमीन पर खेती की जा सकती है। खेतों में केंचुए मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और जल-प्रवाह को रोकते हैं।
2. केंद्र सरकार ने बनाई कोऑपरेटिव संस्था
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने प्राकृतिक खेती से जुड़े उत्पादों की खरीद और निर्यात के लिए कोऑपरेटिव संस्थाएं स्थापित की हैं। आने वाले 8-10 वर्षों में इस खेती को ‘अमूल मॉडल’ की तरह लाभदायक बनाया जाएगा।
बचपन की कहानी भी साझा की
शाह ने अपने जन्म के दिनों को याद करते हुए कहा,
“जब मैं पैदा हुआ था, तब बनासकांठा और कच्छ जिलों में हफ्ते में केवल एक दिन नहाने का पानी मिलता था। लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है। अब गांवों के लोग सालाना एक करोड़ रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं।”
महिलाओं की सफलता की कहानियां
ऊंटनी के दूध से कमाई
गुजरात की मीरल बहन ने बताया कि वे 360 परिवारों के साथ ऊंटनी के दूध का व्यवसाय कर रही हैं और इससे अच्छी आमदनी हो रही है। शाह ने बताया कि इस विषय पर तीन संस्थानों द्वारा रिसर्च पहले ही शुरू किया जा चुका है।
बचत से कारोबार
राजस्थान की सीमा ने बताया कि उनके समूह ने 2.5 करोड़ रुपए की बचत जमा की है और अब उसी राशि से महिलाएं पशुपालन और खेती के व्यवसाय में लगी हैं।
15 करोड़ की सालाना कमाई
मध्य प्रदेश की रुचिका परमार ने बताया कि उनकी संस्था से 2508 महिलाएं जुड़ी हैं। वे खाद और लोन वितरण का कार्य करती हैं जिससे सालाना 15 करोड़ की आमदनी होती है। वह शादी समारोह के लिए मैरिज गार्डन बनाना चाहती हैं। इस पर शाह ने तुरंत जवाब दिया,
“डिटेल्स दो, लोन दिलवाएंगे।”
निष्कर्ष:
अमित शाह का रिटायरमेंट प्लान सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामाजिक विकास से जुड़ा है। उनकी प्राथमिकताएं – प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करना और महिला सहकारिता को सशक्त बनाना – भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत देती हैं।
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