
Elephant Corridor -एलीफेंट कॉरिडोर केवल फाइलों तक सीमित: एक साल में 11 हाथियों और 12 लोगों की मौत
रायगढ़, 27 मई 2025
रायगढ़ और धरमजयगढ़ वनमंडलों में प्रस्तावित एलीफेंट कॉरिडोर योजना अब तक सिर्फ दस्तावेजों तक ही सीमित है। इस लापरवाही का खामियाजा वन्यजीवों और स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीते एक वर्ष में 11 हाथियों और 12 ग्रामीणों की जान जा चुकी है, बावजूद इसके कोई ठोस कार्य योजना जमीन पर नहीं उतर सकी है।
वन विभाग के अनुसार, वर्तमान में धरमजयगढ़ में 127 और रायगढ़ वनमंडल में 17 हाथियों का दल सक्रिय है। भोजन और पानी की तलाश में हाथी लगातार मानव बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे जान-माल की क्षति की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
कॉरिडोर होता तो होती रोकथाम
रायगढ़ जिला ओडिशा, झारखंड, कोरबा और जशपुर जैसे हाथी प्रभावित क्षेत्रों से सटा हुआ है। शासन द्वारा प्रस्तावित एलीफेंट कॉरिडोर में हाथियों के लिए सुरक्षित मार्ग, पानी और भोजन की स्थायी व्यवस्था की योजना थी, लेकिन यह अब तक कागजों में ही उलझी हुई है।
एक साल में मौतों का आंकड़ा
रायगढ़ वनमंडल में 8 हाथियों की मौत:
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26 अक्टूबर 2024: तमनार रेंज में बिजली की चपेट से 3 हाथियों की मौत
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31 दिसंबर 2024: दलदल में फंसकर शावक की मौत
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14 जनवरी 2025: पानी में डूबने से एक हाथी की मौत
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22 जनवरी 2025: दलदल में फंसकर एक और हाथी की जान गई
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13 मई 2025: भेंगारी नाला में शव बरामद
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25 मई 2025: कुरकूट नदी में शावक मृत मिला
धरमजयगढ़ वनमंडल में 3 हाथियों की मौत:
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एक मादा हाथी की प्रसव के दौरान मृत्यु
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दो शावकों की पानी में डूबने से मौत
इंसानों की मौत और मुआवजा
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रायगढ़ वनमंडल: अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 4 लोगों की मौत
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तीन मामलों में ₹1.80 करोड़ का मुआवजा
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एक मामले में ₹25,000 की तत्काल सहायता
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धरमजयगढ़ वनमंडल: 8 लोगों की मौत और 1000+ घरों व फसलों को नुकसान
विभाग का बयान
रायगढ़ डीएफओ अरविंद पीएम ने बताया कि “हाथियों की बढ़ती संख्या के कारण शावकों की ट्रैकिंग में समस्या आ रही है। सभी रेंजरों को ‘हाथी मित्रों’ की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।”
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि एलीफेंट कॉरिडोर योजना को जल्द लागू नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में जानमाल की क्षति और अधिक बढ़ सकती है।