
Nimisha Priya Case
Nimisha Priya Case -निमिषा प्रिया की रिहाई का दावा, केए पॉल ने पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन की जेल में मौत की सजा काट रही हैं, उनकी रिहाई की खबर ने एक बार फिर चर्चा को हवा दे दी है। ईसाई धर्म प्रचारक और ‘ग्लोबल पीस इनीशिएटिव’ के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने दावा किया है कि निमिषा की सजा को रद्द कर दिया गया है और जल्द ही उन्हें रिहा किया जाएगा।
केए पॉल ने मंगलवार रात एक वीडियो संदेश में यह जानकारी दी और यमन के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में यमन के अधिकारियों ने लगातार कोशिशें की हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों की सराहना
डॉ. पॉल ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “ईश्वर की कृपा से निमिषा प्रिया को जल्द ही रिहा किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का मैं आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने निमिषा को वापस लाने के लिए राजनयिक प्रयास शुरू किए हैं।”
विदेश मंत्रालय ने भी पिछले सप्ताह बताया था कि भारत सरकार ने निमिषा प्रिया को बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यमन में एक वकील की नियुक्ति की गई है जो वहां के शरिया कानून के तहत कानूनी मदद प्रदान कर रहा है।
धर्मगुरुओं की पहल भी आई काम
केरल के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबकर अहमद कांतापुरम ने भी इस मामले में पहल की। उन्होंने यमन के मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात कर निमिषा की रिहाई की अपील की थी। मुफ्ती का दावा है कि उनकी मध्यस्थता के बाद ही 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी की सजा टाल दी गई।
निमिषा प्रिया को क्यों मिली थी मौत की सजा?
केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी निमिषा प्रिया वर्ष 2008 में एक नर्स के रूप में यमन गई थीं। कई अस्पतालों में कार्य करने के बाद 2011 में वह केरल लौटीं और टॉमी थॉमस से विवाह किया। उनके एक बेटी है, जो फिलहाल केरल में रहती है।
साल 2015 में, निमिषा ने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक शुरू किया। लेकिन 2017 में महदी की लाश एक वॉटर टैंक में मिली। निमिषा पर हत्या का आरोप लगा। उन पर आरोप था कि उन्होंने महदी को नींद की दवा की ज्यादा डोज देकर मारा और शव को छिपाया।
इसके एक महीने बाद उन्हें यमन-सऊदी सीमा से गिरफ्तार किया गया। वकीलों का दावा था कि महदी ने निमिषा का शारीरिक शोषण किया, पासपोर्ट जब्त कर लिया और धमकियां दीं। हालांकि, महदी के भाई ने इन आरोपों को झूठा बताया।
कानूनी प्रक्रिया और मौत की सजा
वर्ष 2020 में सना की एक अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा। तब से वह सना की जेल में बंद हैं।
अब जब ईसाई प्रचारक केए पॉल ने उनकी रिहाई का दावा किया है और भारत सरकार भी सक्रिय दिख रही है, तो निमिषा की वापसी की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं।
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