
Iran Nuclear Threat
Iran Nuclear Threat –पाकिस्तान-नॉर्थ कोरिया समेत 10 देशों के पास परमाणु हथियार, अब ईरान बना रहा है तो इजराइल क्यों कर रहा हमला? जानिए पूरा इतिहास और खतरा
13 जून की सुबह इजराइल ने ईरान पर बेहद सटीक सैन्य स्ट्राइक की, जिसमें ईरान के शीर्ष 6 सैन्य जनरल्स और कम से कम 5 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इसके साथ ही नतांज स्थित ईरान की सबसे बड़ी न्यूक्लियर लैब को भी गंभीर नुकसान पहुंचा। इजराइल ने यह स्पष्ट किया कि वह ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु बम बनाने से रोकेगा और इसके लिए ऐसे हमले जारी रहेंगे।
अब सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान, उत्तर कोरिया सहित 10 देशों के पास परमाणु हथियार पहले से मौजूद हैं, तो ईरान की कोशिश पर इजराइल इतना नाराज़ क्यों है? और दुनिया में अब तक किन-किन देशों ने परमाणु हथियार बनाए हैं? क्या अब कोई और देश परमाणु शक्ति नहीं बन सकता? अगर ईरान बम बना लेता है तो इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानें इस विस्तृत एक्सप्लेनर में…
सवाल 1: दुनिया का पहला परमाणु बम कैसे बना?

दिसंबर 1938 में जर्मनी की एक लैब में वैज्ञानिक ओट्टो हान और फ्रिट्ज स्ट्रॉसमैन ने यूरेनियम-235 पर न्यूट्रॉन की बौछार की। इससे यूरेनियम का परमाणु टूट गया और अत्यधिक ऊर्जा निकली — इस प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन कहा गया।
यहूदी वैज्ञानिक लीजा माइटनर ने इस पर आधारित चेन रिएक्शन की संभावना जताई, जिससे एक बड़े विस्फोट की संभावना बनी। अमेरिकी वैज्ञानिकों को चिंता हुई कि अगर नाजियों को यह तकनीक मिल गई तो वे दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं।
इसी वजह से अमेरिका ने 1942 में मैनहैटन प्रोजेक्ट शुरू किया। इस प्रोजेक्ट के प्रमुख थे ब्रिगेडियर जनरल लेस्ली ग्रोव्स और वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर। न्यू मेक्सिको के लॉस एलामोस में बम डिजाइनिंग शुरू हुई। टेनेसी के ओक रिज में यूरेनियम-235 को 90% तक संवर्धित किया गया और वॉशिंगटन के हैनफोर्ड में प्लूटोनियम-239 का उत्पादन हुआ।
जुलाई 1945 में अमेरिका ने पहला सफल परीक्षण “ट्रिनिटी” के नाम से किया। फिर 6 अगस्त को हिरोशिमा और 9 अगस्त को नागासाकी पर बम गिराए गए, जिसमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोग मारे गए।
1952 में अमेरिका ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण भी कर लिया, जो नागासाकी बम से 450 गुना ताकतवर था।
सवाल 2: अमेरिका की तकनीक से किन-किन देशों ने परमाणु बम बनाए?
1941 में न्यूक्लियर फिज़न पर रिसर्च रोकने के बाद सोवियत संघ को शक हुआ और उसने भी अपना कार्यक्रम शुरू कर दिया। थियोडोर हॉल जैसे युवा वैज्ञानिकों और रूस समर्थक जासूसों ने अमेरिका की जानकारी लीक कर दी।
29 अगस्त 1949 को रूस ने RDS-1 बम का परीक्षण किया और 1955 में हाइड्रोजन बम बना लिया। UK और कनाडा भी मैनहैटन प्रोजेक्ट में शामिल थे, लेकिन अमेरिका ने रिसर्च साझा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद UK ने 1952 में 25 किलोटन प्लूटोनियम बम और 1957 में हाइड्रोजन बम बना लिया।
फ्रांस ने भी 1960 में पहला एटम बम और 1968 में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया। इस प्रक्रिया में इजराइल के वैज्ञानिकों ने सहयोग किया था।
सवाल 3: चीन, इजराइल और भारत ने कैसे बनाए परमाणु बम?

चीन ने 1957 में रूस की मदद से काम शुरू किया और जब रूस ने तकनीकी सहयोग बंद कर दिया, तो 1964 में खुद एटम बम बनाया और 1967 में हाइड्रोजन बम भी तैयार कर लिया।
इजराइल ने 1950 के दशक में फ्रांस की मदद से नेगेव रेगिस्तान में रिसर्च सेंटर बनाया। 1963 में अमेरिकी निरीक्षण के बावजूद, उसने गुप्त रूप से काम जारी रखा और 1967 तक बम तैयार कर लिया।
1986 में मोर्दखाई वानुनु नाम के वैज्ञानिक ने ब्रिटिश अखबार को बताया कि इजराइल के पास 100 से 200 परमाणु हथियार हैं।
भारत में न्यूक्लियर प्रोग्राम की नींव होमी जहांगीर भाभा ने रखी। 1974 में भारत ने पहला शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण किया। इसके बाद 1998 में पोकरण में पांच परमाणु परीक्षण किए गए, जिनमें एक हाइड्रोजन बम भी शामिल था।
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सवाल 4: पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया ने चोरी से कैसे बनाए बम?
1974 में भारत के टेस्ट के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो ने बम बनाने की ठान ली। अब्दुल कादिर खान ने यूरोप से तकनीक चुराई और चीन से भी मदद मिली। 1998 में पाकिस्तान ने पांच परीक्षण किए।
नॉर्थ कोरिया को 1959 में रूस से न्यूक्लियर रिएक्टर मिला। 1990 के दशक में उसने पाकिस्तान से तकनीक लेकर 2006 में पहला बम और 2017 में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया।
अमेरिका ने कोल्ड वॉर के दौरान बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की जैसे देशों को भी बम दिए थे, जो आज भी उनके पास हैं। 2023 में रूस ने बेलारूस को 130 बम सौंपे।
सवाल 5: क्या अब कोई नया देश परमाणु हथियार नहीं बना सकता?
नहीं, क्योंकि 1963 में Partial Test Ban Treaty (PTBT) और 1970 में Non-Proliferation Treaty (NPT) लागू हुई।
NPT में 5 परमाणु संपन्न देशों को ही हथियार रखने की अनुमति दी गई — अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और UK। भारत, पाकिस्तान और इजराइल ने इस पर साइन नहीं किया। दक्षिण अफ्रीका ने साइन करके अपने बम नष्ट कर दिए।
सवाल 6: ईरान परमाणु बम बनाने के कितने करीब है?
ईरान के पास नतांज और फोर्डो नामक दो प्लांट हैं जहां वह यूरेनियम शुद्ध कर रहा है। अमेरिका और इजराइल का दावा है कि ईरान ने 87% तक शुद्धिकरण कर लिया है और वह 90% के नजदीक है, जिससे आधा दर्जन बम बनाए जा सकते हैं।
IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि ईरान बम बनाने के बेहद करीब है और कुछ हफ्तों या महीनों में वह बम तैयार कर सकता है।
सवाल 7: क्या इजराइल-अमेरिका रोक पाएंगे ईरान को?
इजराइल ने नतांज प्लांट को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है और 9 वैज्ञानिक भी मारे गए हैं। ईरान ने दावा किया है कि वह एक नया प्लांट शुरू करने वाला है और टेक्नोलॉजी को नष्ट नहीं किया जा सकता।
ट्रम्प ने 2025 में धमकी दी थी कि या तो डील करो या जंग झेलो। ईरान ने अब किसी भी बातचीत से इनकार कर दिया है।
सवाल 8: इजराइल और अमेरिका को इतनी चिंता क्यों?
1. मिडिल ईस्ट में शक्ति संतुलन: इजराइल इकलौता परमाणु शक्ति वाला देश है। अगर ईरान बम बनाता है, तो सऊदी अरब भी बना सकता है, जिससे होड़ शुरू हो जाएगी।
2. इजराइल पर सीधा खतरा: ईरान इजराइल को खत्म करने की बात कह चुका है। वह हिजबुल्लाह, हमास और हूती विद्रोहियों को मदद देता है। अगर उनके पास बम होते, तो इजराइल-हमास जंग में स्थिति भयावह हो सकती थी।
ईरान ने NPT पर साइन किए थे, फिर भी बम बना रहा है — यही अमेरिका के लिए बड़ी चिंता है।
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