
Bengal riots-‘दुकान हटाकर तुलसी मंच बनाया, कहा- जय श्रीराम बोलो’: पश्चिम बंगाल के रवींद्रनगर में सांप्रदायिक हिंसा, मंदिर पर हमले और दुकानों में लूटपाट के आरोप
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रबिंद्रनगर में बीते 11 जून को दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। मोहम्मद शाहिद, जो इस इलाके में दुकान चलाते हैं, बताते हैं कि विवाद की जड़ जुनैद नामक फल विक्रेता की दुकान से जुड़ी है। ईद के मौके पर जुनैद अपने घर चला गया था, और इस दौरान मंदिर से जुड़े कुछ लोगों ने उसकी दुकान की जगह तुलसी का पौधा लगा दिया। आरोप है कि उससे कहा गया कि अब वह मंदिर के सामने दुकान नहीं लगा सकता।
इसके बाद ही विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। रबिंद्रनगर और अकरा फाटक मार्केट में पथराव, आगजनी और लूटपाट हुई। पुलिस ने हालात काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया। इस हिंसा में 70 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 5 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
इलाके में रहने वाले हिंदुओं का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय मंदिर के सामने तुलसी मंच नहीं बनने देना चाहता था। उन्होंने मंदिर पर पथराव, तोड़फोड़ और दुकानों में लूटपाट का आरोप लगाया। पुलिस ने अब तक सात एफआईआर दर्ज की हैं और 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को आरोपियों के पास से विस्फोटक सामग्री भी मिली है।
स्थानीय लोगों की गवाही: विवाद की जड़ क्या थी?
कोलकाता से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित रबिंद्रनगर में पहुंचे संवाददाता को रुबाई घोष ने बताया कि जुनैद सड़क किनारे फल बेचता था, लेकिन बाद में बड़ी रेहड़ी लगाने लगा, जिससे रास्ता बंद हो जाता था। ईद पर उसके घर जाने के बाद स्थानीय लोगों ने उसकी जगह पर तुलसी का पौधा लगवा दिया। लौटने के बाद उसने आरोप लगाया कि उसे ‘जय श्रीराम’ बोलने को मजबूर किया गया।
अविजित दास ने बताया कि उन्होंने कई बार जुनैद से दुकान हटाने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। उनका कहना है कि मुस्लिम पक्ष बातचीत से मामला सुलझा सकता था, लेकिन उन्होंने हिंसा का रास्ता अपनाया।
हिंसा का विस्तार: हजारों की भीड़ और पुलिस पर हमला

विजेंद्र गोस्वामी के अनुसार, विवाद शुरू होते ही भीड़ 200 से बढ़कर 2000 तक पहुंच गई। पुलिस की दो गाड़ियां भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाईं। थाना प्रभारी को गंभीर चोटें आईं, शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गई और बाजार में दुकानों से आलू, चावल, मसालों की बोरियां तक लूट ली गईं।
भोला सिंह ने बताया कि भीड़ ने सिर्फ हिंदुओं की दुकानों को निशाना बनाया और मुस्लिम दुकानों को छोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें जुनैद की पत्नी रानी भी शामिल थी।
मुस्लिम पक्ष का जवाब: जबरन ‘जय श्रीराम’ बोलने का आरोप
संवाददाता जब जुनैद के घर पहुंचे, तो ताला लगा मिला। पड़ोसी नुसरत बीबी ने बताया कि उनका दामाद भी पुलिस की हिरासत में है और उसे सुबह 4 बजे घर से उठा लिया गया। उनका कहना है कि उनके मोहल्ले का कोई व्यक्ति इस हिंसा में शामिल नहीं था। वे कहती हैं कि फल-सब्जी बेचने वालों को परेशान किया जा रहा है।
कासिम, जो 40 साल से इस इलाके में रह रहे हैं, कहते हैं कि ऐसा विवाद पहले कभी नहीं हुआ। जुनैद 30 साल से दुकान चला रहा है, और अब अचानक उससे कहा जा रहा है कि वह मंदिर के सामने दुकान न लगाए।
अम्बिया बेगम कहती हैं कि मुस्लिमों को बेवजह आतंकवादी कहा जाता है, जबकि वे सिर्फ अपना गुजर-बसर कर रहे हैं।
इफ्तिखार अहमद का कहना है कि हिंसा की जड़ तुलसी का पौधा लगाने से जुड़ी है और यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
पुलिस जांच तीन हिस्सों में: दोनों पक्षों की भूमिका पर नजर
एडिशनल एसपी मिथुन कुमार डे ने बताया कि पुलिस इस मामले की तीन स्तरों पर जांच कर रही है—क्या पुलिस सक्रिय थी या नहीं, मुस्लिम पक्ष की भूमिका क्या रही और क्या हिंदू पक्ष ने हिंसा भड़काई। पुलिस ने महेशतला और बुगी-बुगी में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की है, जिसमें सोडियम पाउडर, एलुमिनियम डस्ट, फॉस्फोरस डस्ट, रेड सल्फर और आयरन डस्ट शामिल हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: BJP और TMC आमने-सामने
BJP नेताओं सुकांता मजूमदार, अग्निमित्र पॉल और सुवेंदु अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि 2000 ‘जिहादी’ मंदिर और हिंदुओं पर हमला करने आए थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार में हिंदू और मंदिर असुरक्षित हैं।
वहीं, TMC ने BJP पर आरोप लगाया कि वह स्थानीय विवाद को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि BJP और RSS कार्यकर्ता नवीन चंद्र रॉय को गिरफ्तार किया गया है, जो पहले भी पुलिस पर हमला कर चुका है।
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