Durg Murder Case: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगने के बाद हत्या कर दी गई। आरोपी आकाश बघेल (27) खुद वाटर फिल्टर प्लांट में संविदा पर काम करता था, लेकिन लोगों से नगर पालिका और पंचायत में नौकरी लगवाने का दावा करता था। महिला ने 25 लोगों से पैसे इकट्ठा कर उसे दिए थे। जब नौकरी नहीं लगी तो महिला ने पैसे वापस मांगे और थाने में शिकायत की बात कही। इससे घबराकर आरोपी ने 1 लाख की सुपारी देकर महिला की हत्या करा दी।
मामला कैसे शुरू हुआ?
पुलिस की जांच में सामने आया कि मृतिका गंगोत्री जांगड़े (40 साल) दो युवकों के संपर्क में थी। दोनों ने उसे नौकरी लगाने का झांसा देकर पिछले 7-8 महीनों में लाखों रुपए लिए थे। लेकिन जब नौकरी नहीं लगी तो गंगोत्री ने दबाव बनाना शुरू कर दिया।
उसने आरोपियों से साफ कह दिया कि यदि 20 सितंबर तक साक्षात्कार नहीं कराया तो वह पुलिस में शिकायत करेगी। यही बात आरोपियों को नागवार गुजरी। उन्हें डर था कि गंगोत्री सबके सामने पोल खोल देगी और ठगी का भांडा फूट जाएगा। इसी डर से उन्होंने गंगोत्री को खत्म करने की साजिश की।
कैसे दी गई वारदात को अंजाम

19 सितंबर की रात आरोपी ने गंगोत्री को ढाबे में खाना खाने के बहाने बुलाया। निर्भय और उसका साथी बाइक पर उसे लेकर टेमरी पहुंचे। वहां निर्भय ने अपना बेल्ट निकाला और साथी ने गंगोत्री को पटक दिया।
बेल्ट और चुनरी से गला घोंटकर हत्या कर दी। पहचान छिपाने के लिए गंगोत्री का चेहरा पत्थर से कुचल दिया गया।
हत्या करने के बाद ढाबा में खाया खाना
आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद गंगोत्री के सभी जेवर उतार लिए, लेकिन जेवर आर्टिफिशियल निकलने पर उसे पर्स सहित फेंक दिया।
मोबाइल फोन आरोपी निर्भय ने अपने पास रख लिया। हत्या के बाद दोनों आरोपी बाफना टोल प्लाजा की तरफ गए और वहां पर पास में ही एक ढाबे में खाना खाया। इसके बाद वे आरोपी कातुलबोर्ड लौट आए।
मकान मालिक को कहकर निकली थी खाना खाने जा रही हूं
पुलिस की जांच में पता चला कि शव गंगोत्री उर्फ गंगा जांगड़े (पिता हरीशचंद), निवासी ग्राम दादर, पोटिया चौक दुर्ग का है। वह 19 सितंबर की रात 8.45 बजे मकान मालिक को यह कहकर घर से निकली थी कि खाना खाने जा रही हूं। इसके बाद वह लापता हो गई। बाद में फिर गंगोत्री की लाश मिली थी।
बेल्ट और चुनरी से गला घोंटा, पहचान छिपाने की कोशिश
19 सितंबर की रात गंगोत्री को खाने के बहाने टेमरी गांव बुलाया गया। पहले निर्भय ने बेल्ट से गला दबाया। फिर आकाश ने चुनरी कसकर दम घोंटा। पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर पत्थर से वार किया हत्या के बाद आरोपी डोंगरगढ़ मेले में घूमने गया और फिर फरारी काटने के लिए केरल चला गया।
कैसे पकड़ा गया मास्टरमाइंड?
पुलिस ने तकनीकी जांच, बैंक ट्रांजैक्शन और मोबाइल लोकेशन खंगालकर आकाश तक पहुंच बनाई। 29 सितंबर को उसे दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पूरा ठगी और हत्या का राज सामने आया।
फर्जी अफसर बनकर करता था कॉल
आकाश महिला को यह यकीन दिलाता था कि उसके जानकार “अमन” नाम के बड़े अफसर हैं।
असल में “अमन” नाम से कॉल करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद आकाश था, जो दूसरा नंबर इस्तेमाल कर ठगी करता था।
गिरफ्तार आरोपी

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आकाश बघेल उर्फ मोनू (27) – मास्टरमाइंड
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निर्भय जांगड़े (19) – सुपारी किलर
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जयदीप साहू (19) – सहयोगी
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मनीष बंजारे (19) – सहयोगी
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पवन कुमार सिंह (18) – सहयोगी
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हेमलता बंजारे (38) – सहयोगी
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एक नाबालिग आरोपी
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब यह जांच रही है कि आकाश ने और कितने लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगा है। बैंक खातों और ट्रांजैक्शन की जांच जारी है। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।
