Churu News -राजस्थान के चूरू जिले के रिड़खला गांव का 28 वर्षीय जवान बबलू सिंह असम में ट्रेनिंग के दौरान शहीद हो गया। महज 7 महीने पहले फरवरी 2025 में उनकी शादी जयपुर की काजल से हुई थी। परिवार के इकलौते बेटे बबलू की शहादत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर है।
ट्रेनिंग के दौरान हुआ हादसा
बबलू सिंह राजपूत रेजीमेंट में सिपाही थे।
12 सितंबर 2025 को असम में हथियार प्रशिक्षण के दौरान उनके सिर पर गंभीर चोट लगी।
पहले उन्हें तेजपुर सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में गुवाहाटी शिफ्ट किया गया।
लगातार इलाज के बावजूद 24 सितंबर को उनका निधन हो गया।
तिरंगे में लिपटा आया पार्थिव शरीर

शहीद जवान के पार्थिव शरीर को गांव लाया गया तो “बबलू सिंह अमर रहे” के नारों से आसमान गूंज उठा।
युवाओं ने घण्टेल से रिड़खला तक बाइक पर तिरंगा यात्रा निकाली।
महाराणा प्रताप विद्यालय के बच्चों ने तिरंगे को सलामी दी।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार में टू जैक राइफल बीकानेर से आए सैनिकों ने राइफल सलामी दी।
27 राजपूत रेजीमेंट के सुबेदार मेजर दानाराम और नायब सुबेदार नत्थू सिंह ने शहीद के चाचा कालू सिंह को तिरंगा सौंपा।
चचेरे भाई अमित, भरत और सुनील ने उन्हें मुखाग्नि दी।
परिवार का सहारा छिन गया
बबलू सिंह परिवार के इकलौते बेटे थे।
पिता मोहन सिंह पिछले 25 साल से रीढ़ की बीमारी से बिस्तर पर हैं।
मां मंगेज कंवर उनकी देखभाल करती हैं।
दो शादीशुदा बहनों के भाई बबलू ही परिवार की आर्थिक रीढ़ थे।
गांव में पसरा मातम
शहादत की खबर से गांव में दुकानें बंद रहीं और किसी घर में चूल्हा तक नहीं जला।
विधायक हरलाल सहारण, पूर्व विधायक मकबूल मंडेलिया और प्रधान दीपचंद राहड़ ने पुष्पांजलि अर्पित की।
बबलू मार्च 2017 में सेना में भर्ती हुए थे और जुलाई 2025 में आखिरी बार घर आए थे।
सिर्फ 28 साल की उम्र में ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुए जवान बबलू सिंह की वीरगाथा गांव ही नहीं पूरे राजस्थान को गर्व से भर देती है। लेकिन उनकी शहादत से परिवार और गांव सदमे में है।
