
Chhattisgarh Teacher Protest -शिक्षक आंदोलन 2025: कल एक लाख 80 हजार शिक्षक करेंगे हड़ताल, पूरे राज्य में 146 स्थानों पर प्रदर्शन की तैयारी
रायपुर, 30 जून 2025:
छत्तीसगढ़ में शिक्षक साझा मंच के नेतृत्व में 1 जुलाई को राज्यभर के 1.80 लाख से अधिक शिक्षक स्कूलों से निकलकर सड़कों पर उतरेंगे। अपनी लंबित मांगों को लेकर 146 विकासखंडों में व्यापक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदर्शन का आयोजन 23 शिक्षक संगठनों के एकजुट मंच द्वारा किया जा रहा है, जो लंबे समय से क्रमोन्नति वेतनमान, पुरानी पेंशन, सेवा गणना, और डीएड योग्यताधारी शिक्षकों की पदोन्नति जैसी मांगों को लेकर राज्य सरकार से असंतुष्ट हैं।
प्रमुख मांगें:
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क्रमोन्नति वेतनमान का जनरल आदेश जारी हो
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शिक्षिका सोना साहू केस का हवाला देते हुए सभी पात्र शिक्षकों को वेतनमान और एरियर्स देने की मांग।
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अभी तक आदेश नहीं होने से 1 लाख से ज्यादा शिक्षकों को हर माह ₹15-20 हजार का नुकसान।
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सेवा गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से हो
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1995 और 1998 में नियुक्त शिक्षकों की सेवा 2018 से मानी जा रही, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा।
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पुरानी पेंशन बहाल की जाए
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शिक्षकों की सेवा अवधि के अनुसार पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने की मांग।
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डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को भी पदोन्नति में शामिल किया जाए
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व्याख्याता और प्राचार्य पदों पर समान अवसर देने की मांग।
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युक्तियुक्तिकरण रद्द कर 2008 सेटअप लागू हो
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हाल की कटौती में 57,000 शिक्षक पद समाप्त किए गए। 3 शिक्षक की जगह अब सिर्फ 2 ही रखे जा रहे।
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आंदोलन की रणनीति:
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30 जून तक काली पट्टी आंदोलन के बाद अब 1 जुलाई को प्रदेशव्यापी धरना।
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यदि मांगें नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल और स्कूलों में तालेबंदी की चेतावनी दी गई है।
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आंदोलन को लेकर सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
शिक्षक नेताओं की प्रमुख बातें:
संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत समेत अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया—
“हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है, लेकिन सरकार यदि हमारी मांगों को नजरअंदाज करती रही, तो हम आने वाले समय में बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”
प्रमुख संयोजक मंडल सदस्य:
संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज, प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे, अनिल कुमार टोप्पो
संभावित प्रभाव:
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1.80 लाख शिक्षकों के एकसाथ सड़कों पर उतरने से शैक्षणिक व्यवस्था बाधित होगी।
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यदि हड़ताल लंबी खिंचती है, तो राज्यभर के सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन ठप हो सकता है।
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शिक्षा विभाग और सरकार पर राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव बढ़ेगा।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ का यह शिक्षक आंदोलन 2025 सिर्फ वेतनमान या पेंशन तक सीमित नहीं, बल्कि एक व्यापक प्रशासनिक सुधार की मांग है। सरकार यदि जल्द निर्णय नहीं लेती, तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था संकट में पड़ सकती है।
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