
Chhattisgarh Schools Rationalization -छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षकविहीन नहीं, सिंगल-टीचर स्कूलों में आई 80% की गिरावट
Chhattisgarh Education News: छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्कूलों में शिक्षक व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि अब राज्य में कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं रहेगा।
राज्य में सिंगल-टीचर स्कूलों की संख्या में 80% की कमी दर्ज की गई है, जो शिक्षा में समानता और समावेश की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
अब शिक्षा अधिकार अधिनियम और NEP की हो रही प्रभावी क्रियान्वयन
इस उपलब्धि का श्रेय राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति (Rationalization Policy) को जाता है। इसके तहत शिक्षकों की तर्कसंगत पदस्थापना, शैक्षणिक संसाधनों का न्यायोचित उपयोग, और स्कूलों की जरूरत के अनुसार शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
पूर्व स्थिति:
कुल 453 विद्यालय पूर्णतः शिक्षकविहीन थे।
5936 विद्यालयों में केवल एक शिक्षक पदस्थ था।
सबसे अधिक प्रभावित जिले: सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर।
तीन स्तरों पर हुई शिक्षकों की काउंसलिंग
राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन चरणों में शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया चलाई। इसके फलस्वरूप:
सभी प्राथमिक, मिडिल, और हायर सेकेंडरी स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।
दूरस्थ क्षेत्रों में भी अब बच्चे शिक्षक के बिना नहीं पढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री साय का विजन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल को “शिक्षा में न्याय की पुनर्स्थापना” कहा। उनका कहना है:
“हमने यह संकल्प लिया कि छत्तीसगढ़ का कोई भी बच्चा अब शिक्षकविहीन नहीं रहेगा। यह केवल स्थानांतरण नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है।”
वर्तमान में फोकस: 1207 सिंगल-टीचर प्राइमरी स्कूल
हालांकि राज्य में अब भी 1207 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां एक ही शिक्षक पदस्थ है। सरकार ने इनके समाधान के लिए:
प्राथमिक शाला प्रधानपाठकों की पदोन्नति,
नए शिक्षकों की नियुक्ति,
शेष शिक्षकों की पुनः पदस्थापना जैसे कदम उठाने की रणनीति बनाई है।
जिलेवार स्थिति (एकल शिक्षक वाले विद्यालयों की संख्या)
जिला | विद्यालय |
---|---|
बस्तर | 283 |
बीजापुर | 250 |
सुकमा | 186 |
मोहला-मानपुर-चौकी | 124 |
कोरबा | 89 |
बलरामपुर | 94 |
नारायणपुर | 64 |
धमतरी | 37 |
सूरजपुर | 47 |
दंतेवाड़ा | 11 |
अन्य जिले | 22 |
इन सभी स्कूलों में जल्द ही शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।
समावेशी और समान शिक्षा की ओर छत्तीसगढ़
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर गांव, हर स्कूल और हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जाए। युक्तियुक्तकरण अब महज प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन गया है।
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