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Chhattisgarh News: सिलसिला (सरगुजा): डबरी में डूबे दो मासूम, पोस्टमॉर्टम के लिए परिजनों से पैसों की मांग का आरोप, शव ले जाने वाहन नहीं मिला तो बाइक से ले गए
सरगुजा जिले के सिलसिला गांव में रविवार को एक बेहद दुखद घटना में दो मासूम बच्चों की डबरी में डूबने से मौत हो गई। हादसे के बाद जब परिजन बच्चों के शव को लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे, तो उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार रुपये की मांग की गई। इसके साथ ही शव वाहन नहीं मिलने के कारण परिजन बाइक से ही शव लेकर गांव लौटे।
हालांकि, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पैसे मांगने के आरोपों को खारिज किया है। बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे ने स्पष्ट किया कि न तो डॉक्टरों ने पैसे मांगे और न ही ऐसा कोई निर्देश दिया गया।
घटना का पूरा विवरण:
रविवार की दोपहर रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिलसिला गांव में दो बच्चे, सूरज गिरी (पुत्र विनोद गिरी) और जुगनू गिरी (पुत्र शिवा गिरी), घर के पास स्थित एक ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। खेल-खेल में दोनों बच्चे ट्यूबवेल के पास बने सोखता गड्ढे में गिर गए। जब कुछ समय तक बच्चे नजर नहीं आए तो परिजन उन्हें ढूंढते हुए घटनास्थल तक पहुंचे, जहां उन्हें गड्ढे में बच्चों के शव मिले।
अस्पताल पहुंचने पर परिजनों के आरोप:

घटना के बाद दोनों बच्चों को बाइक से रघुनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मर्ग कायम किया और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया के लिए तैयारी शुरू की।
परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर अस्पताल के डॉक्टर अमन जायसवाल ने पोस्टमॉर्टम के लिए प्रत्येक शव पर 10-10 हजार रुपये की मांग की। उनका कहना था कि यदि शनिवार को पोस्टमॉर्टम कराया होता तो कोई शुल्क नहीं लगता।
बिचौलिये की भूमिका और BMO की सफाई:
बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे का कहना है कि परिजनों से बातचीत के दौरान किसी ने स्पष्ट रूप से डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने की बात नहीं कही। बल्कि एक बिचौलिये के माध्यम से यह जानकारी आई थी कि डॉक्टर से कहकर बिना चीर-फाड़ के रिपोर्ट तैयार करवाई जा सकती है, जिसके लिए 5 से 10 हजार रुपये की पेशकश की गई थी।
डॉ. चौबे ने बिचौलिये को अस्पताल बुलाया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। इस बीच परिजनों को शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने बताया कि उनका गांव पास में ही है और जब तक गाड़ी आती, वे बाइक से ही पहुंच जाते।
राजनीतिक हस्तक्षेप और अंतिम कार्रवाई:
घटना की जानकारी जब लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को दी गई, तो वे भी अस्पताल पहुंचे। उनके हस्तक्षेप के बाद जनप्रतिनिधि व बीएमओ मौके पर पहुंचे और बच्चों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
अधिकारी पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटे हुए हैं। बीएमओ ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए विभागीय स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।