
Anti Conversion Law
CG Electricity Rate Hike: छत्तीसगढ़ में घरेलू बिजली दरों में बढ़ोतरी, किसानों को सबसे बड़ा झटका –
रायपुर, 11 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ के आम बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग (CSERC) ने घरेलू, व्यवसायिक और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली दरों में वृद्धि का ऐलान किया है। यह फैसला राज्य के लाखों उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डालने वाला है।
नई बिजली दरों की आधिकारिक घोषणा
गुरुवार को रायपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने नई दरों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे, जबकि व्यवसायिक उपभोक्ताओं के लिए यह वृद्धि औसतन 25 पैसे प्रति यूनिट होगी।
कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए भारी बढ़ोतरी
इस बार की सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की सीधी बढ़ोतरी की गई है। राज्य के लाखों किसान पहले से ही कृषि लागत, डीजल और खाद्य संकट से परेशान हैं, ऐसे में यह बिजली दर बढ़ोतरी उनके लिए नई मुसीबत बन सकती है।
तीनों श्रेणियों में बिजली दरों में वृद्धि: पूरी जानकारी
उपभोक्ता वर्ग | पूर्व दर (₹) | वृद्धि (₹/यूनिट) | नई दर (लगभग अनुमानित) |
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घरेलू उपभोक्ता | ₹6.00* | ₹0.10 – ₹0.20 | ₹6.10 – ₹6.20 |
व्यवसायिक उपभोक्ता | ₹7.50* | ₹0.25 | ₹7.75 |
कृषि पंप उपभोक्ता | ₹4.00* | ₹0.50 | ₹4.50 |
*पुरानी दरें अनुमानित हैं; क्षेत्र के अनुसार कुछ अंतर हो सकता है।
बढ़ोतरी के पीछे क्या है कारण?
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (CSPDCL) ने नियामक आयोग को ₹4947.41 करोड़ के राजस्व घाटे का प्रस्ताव सौंपा था। लेकिन आयोग ने इसमें से केवल ₹523.43 करोड़ घाटे को स्वीकार्य माना, और उसी आधार पर दरों में संशोधन किया गया।
हेमंत वर्मा, अध्यक्ष – CSERC ने बताया कि यह संशोधन ऊर्जा कंपनियों की लागत, मेंटेनेंस खर्च और फिक्स्ड चार्ज के आकलन के आधार पर किया गया है।
नई दरें कब से होंगी लागू?
अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि नई विद्युत दरें तुरंत प्रभाव से लागू होंगी। यानी उपभोक्ताओं को आने वाले बिल में नई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा।
छत्तीसगढ़ की बिजली दरें अभी भी कम: आयोग का तर्क
हालांकि, नियामक आयोग का कहना है कि –
“अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में अभी भी बिजली की दरें काफी कम हैं। यह वृद्धि बहुत सीमित और आवश्यक है।”
परंतु वास्तविकता यह है कि आम जनता विशेषकर ग्रामीण व किसान वर्ग इस फैसले से असहज हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई है।
जनता और किसानों की प्रतिक्रिया
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किसान नेता राजू यादव ने कहा –
“बारिश में सिंचाई का भरोसा नहीं, डीजल महंगा है और अब बिजली भी महंगी कर दी। खेती छोड़ने की नौबत आ गई है।” -
रायपुर के एक व्यापारी रोहित अग्रवाल ने कहा –
“बिजली बिल में हर महीने बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे छोटे व्यापारियों पर बोझ बढ़ता जा रहा है।”
निष्कर्ष: महंगाई की मार के बीच बिजली दर बढ़ोतरी बना संकट
एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकारें महंगाई पर काबू पाने के प्रयास में लगी हैं, वहीं बिजली दरों में यह ताजा बढ़ोतरी आम आदमी की जेब पर सीधा वार मानी जा रही है। खासकर किसानों के लिए यह निर्णय उनकी आर्थिक स्थिति को और भी कमजोर कर सकता है।
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