केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) क्या हैं?
परिचय:
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) सात प्रमुख सशस्त्र पुलिस संगठनों का समूह है, जिन्हें पहले अर्द्धसैनिक बल के नाम से जाना जाता था। यह बल भारतीय सुरक्षा ढांचे का अभिन्न हिस्सा हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, और विशेष संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। CAPF की प्रमुख भूमिका है देश के विभिन्न सुरक्षा पहलुओं को संभालना और प्रशासनिक निगरानी में सहायता करना।
CAPF के अंतर्गत बल:
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असम राइफल्स (AR)
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सीमा सुरक्षा बल (BSF)
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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
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भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
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राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
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सशस्त्र सीमा बल (SSB)
प्रशासन:
इन बलों की प्रशासनिक निगरानी गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा की जाती है, जबकि असम राइफल्स का परिचालन नियंत्रण रक्षा मंत्रालय (MoD) के अधीन होता है। सभी CAPF का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक (DGP) स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
CAPF का संगठन:
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सीमा सुरक्षा बल:
असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) को सीमा सुरक्षा बल के रूप में नामित किया गया है, जो भारत की सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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विशेष संचालन:
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) उच्च-जोखिम वाले विशेष अभियानों के लिये एक विशेष कमांडो इकाई के रूप में कार्य करता है, जो आतंकवादी हमलों, अपहरण और अन्य संकटों का समाधान करता है।
विशेष सुरक्षा समूह (SPG) प्रधानमंत्री (PM) और पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
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आंतरिक सुरक्षा:
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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF): यह बल प्रमुख औद्योगिक सुविधाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ, हवाई अड्डे और अन्य संवेदनशील स्थान शामिल हैं।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF): यह बल आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करता है। यह देशभर में विभिन्न आंतरिक संघर्षों और उग्रवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कुल मिलाकर, CAPF की भूमिका भारतीय सुरक्षा व्यवस्था में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और ये विभिन्न प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सहायक हैं।
असम राइफल्स (AR):
परिचय:
असम राइफल्स भारत के सबसे पुराने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में से एक है, जिसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश चाय बागानों की सुरक्षा के लिए “कछार लेवी” के रूप में की गई थी। इस बल ने असम क्षेत्र को प्रशासनिक और वाणिज्यिक दृष्टिकोण से खोलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समय के साथ इसे “नागरिक का दाहिना हाथ और सेना का बायां हाथ” (Right Arm Of The Civil And Left Arm Of The Military) के रूप में जाना जाने लगा।
वर्तमान तैनाती:
असम राइफल्स की दो बटालियन जम्मू और कश्मीर में तैनात हैं, साथ ही एक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) बटालियन भी कार्यरत है, जो प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाती है। इसके अलावा, असम राइफल्स की राइफलवुमेन टीम को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में शामिल किया जाता है, जो भारत की वैश्विक सामाजिक और मानवीय प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वतंत्रता के बाद की प्रमुख भूमिकाएँ:
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1962 का चीन-भारत युद्ध, जिसमें असम राइफल्स ने पारंपरिक युद्ध में भाग लिया।
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1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) के हिस्से के रूप में ऑपरेशन पवन में भाग लिया।
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भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दोहरा नियंत्रण:
असम राइफल्स एकमात्र अर्द्धसैनिक बल है, जिसमें दोहरी नियंत्रण संरचना है, जहाँ प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय (MHA) के पास है, जबकि परिचालन नियंत्रण रक्षा मंत्रालय (MoD) के अधीन भारतीय सेना के पास है।
सीमा सुरक्षा बल (BSF):
परिचय:
सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत में 1965 में स्थापित एक अर्द्धसैनिक बल है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से देश की भूमि सीमा की रक्षा करना और शांति तथा सुरक्षा बनाए रखना है।
ज़िम्मेदारियाँ:
शांतिकालीन ज़िम्मेदारियाँ:
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सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाना और समुदायों के बीच सुरक्षा की भावना को प्रोत्साहित करना।
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सीमा पार अपराधों और अनधिकृत प्रवेश की रोकथाम करना।
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सीमा पर तस्करी और अवैध गतिविधियों को रोकना।
युद्धकालीन ज़िम्मेदारियाँ:
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सीमा पर स्थिति बनाए रखना ताकि सेना अपने आक्रामक अभियानों पर ध्यान केंद्रित कर सके।
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शत्रुओं के हमलों से महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की रक्षा करना।
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सीमित आक्रामक अभियान चलाना और खुफिया जानकारी का प्रबंधन करना।
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युद्ध बंदी शिविरों की सुरक्षा और शरणार्थी नियंत्रण।
संयुक्त अभियान:
BSF अक्सर बढ़ी हुई सुरक्षा स्थितियों के दौरान अन्य सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों के साथ संयुक्त अभियानों में सहयोग करती है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP):
परिचय:
ITBP की स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को हुई थी। यह बल भारत-चीन सीमा के पहाड़ी क्षेत्रों की रक्षा करने और उत्तरी सीमाओं की निगरानी करने के लिए जिम्मेदार है। 2004 में, ITBP ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स की जगह ले ली।
ज़िम्मेदारियाँ:
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सीमा उल्लंघन की पहचान और रोकथाम करना।
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अवैध आव्रजन और सीमा पार तस्करी पर निगरानी रखना।
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विभिन्न संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भागीदारी करना।
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हिमालयी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के लिए ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में कार्य करना और राहत व बचाव अभियानों का संचालन करना।
सशस्त्र सीमा बल (SSB):
परिचय:
सशस्त्र सीमा बल (SSB) की स्थापना 1962 में चीन आक्रमण के बाद की गई थी। इसे 2001 में गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया और भारत-नेपाल सीमा के लिए प्रमुख खुफिया एजेंसी के रूप में नामित किया गया।
ज़िम्मेदारियाँ:
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सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देना और सीमा पार अपराधों को रोकना।
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तस्करी, अवैध प्रवेश, और निकासी की रोकथाम।
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सामुदायिक सहभागिता के तहत 15 सीमावर्ती राज्यों में 78,000 गाँवों के साथ जुड़कर सक्रिय रूप से सुरक्षा को बढ़ावा देना।
सामुदायिक सहभागिता:
SSB को “पीपुल्स फोर्स” के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो नागरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
ऐतिहासिक योगदान:
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भारत-पाक युद्ध (1965, 1971) में भागीदारी।
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1968 में उत्तर बंगाल में बाढ़ के दौरान आपदा राहत।
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1987 में श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के अभियान में भागीदारी।
भारत में विशेष अभियानों के लिए जिम्मेदार सुरक्षा बल
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)
परिचय:
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का गठन 1984 में आतंकवाद से निपटने हेतु एक संघीय आकस्मिक बल के रूप में किया गया था। इसका उद्देश्य विशेष रूप से आतंकवाद का सामना करने के लिए एक विशेष बल को प्रशिक्षित और तैयार रखना है। NSG का आदर्श वाक्य ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ है, जो उनके उच्च सुरक्षा मानकों को दर्शाता है।
संरचना:
NSG को ब्रिटेन की स्पेशल एयर सर्विस (SAS) और जर्मनी की GSG-9 के मॉडल पर आधारित किया गया है। यह दो मुख्य तत्वों से मिलकर बनता है:
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विशेष कार्यवाही समूह (SAG) – इसमें भारतीय सेना के जवान होते हैं।
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विशेष रेंजर समूह (SRG) – इसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बलों के जवान शामिल होते हैं।
भूमिकाएँ:
NSG कमांडो को आतंकवादी खतरों से निपटने, अपहरण के मामलों में हस्तक्षेप, और उच्च जोखिम वाले परिदृश्यों में आतंकवादियों को निष्क्रिय करने की जिम्मेदारी दी जाती है। इसके अतिरिक्त, वे बम निरोधक कार्य (IED का पता लगाना और निष्क्रिय करना), विस्फोट के बाद जांच (PBI) और बंधक सुरक्षा जैसे कार्यों में भी प्रशिक्षित होते हैं। NSG ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विशेष सुरक्षा समूह (SPG)
परिचय:
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की स्थापना 1985 में प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसका गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था।
भूमिकाएँ:
SPG अपने उच्च सुरक्षा मानकों, व्यावसायिकता, और निकट सुरक्षा के लिए जाना जाता है। यह सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आसूचना ब्यूरो (IB) और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पुलिस बलों के साथ सहयोग करता है। SPG के कर्मी प्रधानमंत्री की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारतीय तटरक्षक बल (ICG)
परिचय:
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की स्थापना अगस्त 1978 में की गई थी। यह एक स्वतंत्र सशस्त्र बल है, जो भारतीय समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसका मुख्यालय रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
भूमिकाएँ:
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समुद्री कानून प्रवर्तन – ICG समुद्री तस्करी, अवैध आव्रजन और अन्य अपराधों पर निगरानी रखता है।
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पर्यावरण संरक्षण – ICG समुद्री पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि तेल रिसाव से निपटना।
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समुद्री सुरक्षा – ICG हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों के साथ मिलकर कार्य करता है।
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आपदा प्रबंधन – ICG को “प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता” के रूप में जाना जाता है, और इसने कई आपदा राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
परिचय:
CISF की स्थापना 1969 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सुरक्षा के लिए की गई थी। अब यह भारत में विभिन्न महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
मुख्य जिम्मेदारियाँ:
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परमाणु प्रतिष्ठान, अंतरिक्ष केंद्र, हवाई अड्डे और बिजली संयंत्रों की सुरक्षा।
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VIP सुरक्षा और प्रतिष्ठित विरासत स्मारकों की सुरक्षा।
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महत्वपूर्ण सरकारी भवनों और जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय जेलों की सुरक्षा।
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आपदा राहत कार्यों में भी CISF की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
परिचय:
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) भारत का एक प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जो गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। यह बल आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भूमिकाएँ:
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भीड़ और दंगा नियंत्रण
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आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियान
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वामपंथी उग्रवाद का प्रबंधन
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VIP सुरक्षा
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प्राकृतिक आपदाओं में बचाव और राहत कार्य
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संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भागीदारी
CRPF ने स्वतंत्रता के बाद कई ऐतिहासिक अभियानों में भाग लिया है और यह भारत के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बलों में से एक है।
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