
Balrampur Elephant Attack: बलरामपुर में हाथी के हमले से महिला की मौत, ग्रामीण गंभीर घायल, वन विभाग पर लापरवाही के आरोप
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में जंगली हाथी के हमले से एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। ग्राम चाकी में बीती रात एक नर हाथी ने घर तोड़ते हुए महिला को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वहीं एक अन्य ग्रामीण के दोनों पैर टूट गए। इस दर्दनाक हादसे के बाद वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
घटना की पूरी जानकारी:
घटना रात करीब 2 बजे की है जब मुन्ना राम और उसकी पत्नी राधिका भूईया (36 वर्ष) जंगल किनारे स्थित अपने घर से बाथरूम के लिए बाहर निकले थे। उसी दौरान वहां पहुंचे हाथी ने राधिका को अपनी सूंड से पकड़कर ज़मीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मुन्ना राम किसी तरह अपनी 18 साल की बेटी के साथ भागकर जान बचाने में सफल रहा।
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घर तोड़कर हाथी ने किया तांडव:
इसके बाद हाथी ने पास ही रहने वाले टीभाली सिंह (उम्र 52 वर्ष) का घर तोड़ते हुए उसे भी अपनी चपेट में ले लिया। हमले में टीभाली के दोनों पैर टूट गए। उन्हें बलरामपुर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
इलाज और पोस्टमार्टम:
मृतका राधिका का शव वन विभाग द्वारा 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घायल टीभाली को प्राथमिक उपचार के बाद बलरामपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया।
जिला पंचायत सभापति और समाजसेवियों की मौजूदगी:
घटना की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत के सभापति बद्री यादव और समाजसेवी संतोष यादव मौके पर पहुंचे। संतोष यादव ने वन विभाग की लापरवाही पर गहरा रोष जताया और कहा कि “यह सिलसिला 8 अप्रैल को हुई मौत के बाद भी नहीं थमा, जो वन विभाग की उदासीनता दर्शाता है।”
वन विभाग पर गंभीर आरोप:
समाजसेवी संतोष यादव ने कहा कि वन विभाग ने न तो हाथियों की मूवमेंट को लेकर ठोस योजना बनाई, न ही ग्रामीणों को समय रहते सतर्क किया। उन्होंने मांग की कि अब वन विभाग को सख्त और प्रभावी कार्य योजना बनाकर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
तात्कालिक सहायता:
वन विभाग ने मृतक महिला के परिजनों को ₹25,000 की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की है।
हाथी की मूवमेंट ट्रैकिंग रिपोर्ट:
रेंजर निखिल सक्सेना के अनुसार, यह नर हाथी वाड्रफनगर से गढ़गोरडी होते हुए बगरा पहुंचा और अंततः ग्राम चाकी में आ धमका, जहां उसने यह हादसा किया। अब यह हाथी छतवा शिवपुर के इलाके में सक्रिय है। ग्रामीणों को लगातार मुनादी और चेतावनी के जरिए जागरूक किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
बलरामपुर में हो रही बार-बार की हाथियों की घुसपैठ और हमले की घटनाएं चिंताजनक हैं। वन विभाग को अब महज औपचारिकता से हटकर स्थायी समाधान की ओर बढ़ना होगा। अगर समय रहते चेतावनी, निगरानी और उचित प्रबंधन नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाएं ग्रामीणों के लिए भय और नुकसान का कारण बनती रहेंगी।
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