Attack On BR Gavai-सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर के समर्थन में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक सरकारी वकील ने पोस्ट डालकर विवाद खड़ा कर दिया है।
सरकारी वकील सतीश गुप्ता ने वकीलों के वॉट्सऐप ग्रुप में लिखा—
“वो ऐतिहासिक पल था, जब जूता CJI की ओर उड़ा… राकेश ने 71 की उम्र में कमाल की निशानेबाजी दिखाई।”
गुप्ता ने मुख्य न्यायाधीश की शैक्षणिक योग्यता की तुलना जूता फेंकने वाले वकील से करते हुए कहा कि “राकेश एमएससी गोल्ड मेडलिस्ट हैं, जबकि CJI तीसरी श्रेणी से BA पास हैं।”

💥 भूपेश बघेल का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने X (ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने लिखा—
“सरकारी वकील होकर न्यायाधीश पर हमले का समर्थन करना कानून और दलित समाज दोनों का अपमान है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ऐसे व्यक्ति को तुरंत पद से हटाना चाहिए, वरना माना जाएगा कि भाजपा भी इस मानसिकता से खुश है।”
बघेल ने इसे “दलित सम्मान पर हमला” बताया।

⚖️ क्या है पूरा मामला
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की।
जूता CJI तक नहीं पहुंचा, लेकिन कोर्ट में अफरा-तफरी मच गई।
सुरक्षाकर्मियों ने वकील को पकड़कर बाहर कर दिया।
वकील ने बाद में कहा—
“मैं भगवान विष्णु पर की गई टिप्पणी से आहत था।
जो किया, उसका अफसोस नहीं है।”
पुलिस ने 3 घंटे पूछताछ के बाद वकील को छोड़ा था
जूता फेंकने वाले वकील को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट कैंपस में 3 घंटे पूछताछ की थी। पुलिस ने कहा कि SC अधिकारियों ने मामले में कोई शिकायत नहीं की। उनसे बातचीत के बाद वकील को छोड़ा गया।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने उसी दिन आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया था। उसका रजिस्ट्रेशन 2011 का था। इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया था। अब मेंबरशिप तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया था। उन्होंने कहा था कि यह वकीलों के आचरण, नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 15 दिनों में शो कॉज नोटिस भी जारी किया जाएगा।
🕉️ भगवान विष्णु की मूर्ति विवाद की पृष्ठभूमि
16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के वामन मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की बहाली की याचिका खारिज की थी।
CJI गवई ने कहा था कि “प्रतिमा जैसी है, वैसी ही रहेगी।”
इसी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत ढंग से फैलाया गया, जिससे विरोध तेज हुआ।
CJI ने बाद में सफाई दी—
“मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।”
सॉलिसिटर जनरल ने कहा था- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है
18 सितंबर को ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं।
मेहता ने कहा था कि न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है। वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।
वकील राकेश ने कहा था- जो किया, उसका अफसोस नहीं
आरोपी वकील राकेश ने 7 अक्टूबर को मीडिया से बात की और बताया कि वे भगवान विष्णु पर CJI के बयान से आहत थे। इसी के कारण उनपर हमला करने की कोशिश की। वकील राकेश ने कहा- उनके एक्शन (टिप्पणी) पर ये मेरा रिएक्शन था। मैं नशे में नहीं था। जो हुआ, मुझे उसका अफसोस नहीं, किसी का डर भी नहीं है।
वकील ने कहा- यही चीफ जस्टिस बहुत सारे धर्मों के खिलाफ, दूसरे समुदाय के लोगों के खिलाफ केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं। उदाहरण के लिए- हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर विशेष समुदाय का कब्जा है, सुप्रीम कोर्ट ने उस पर तीन साल पहले स्टे लगाया, जो आज तक लगा हुआ है।
🔥 कांग्रेस vs BJP: राजनीतिक घमासान
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता सुप्रिया श्रीनेत और रागिनी नायक ने भी भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। सुप्रिया ने कहा कि, ये सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं था, ये उस व्यवस्था पर हमला है, जो दलितों को न्याय दिलाने के लिए खड़ी की गई थी। भाजपा की चुप्पी डरावनी है।
बीवी श्रीनिवास ने इसे “भारत के सामाजिक न्याय तंत्र के खिलाफ सुनियोजित हमला” बताया और मांग की है कि केंद्र सरकार इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
कांग्रेस के आरोपों पर क्या बोली बीजेपी ?
सरकारी वकील सतीश गुप्ता के पोस्ट शेयर करने पर भाजपा प्रवक्ता उज्जवल दीपक ने बताया कि भूपेश बघेल के पास कोई काम धाम रह नहीं गया है, इसलिए वो वॉट्सऐप ग्रुप पर आई हुई सूचनाओं को फॉरवर्ड कर ट्वीट कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को अपने सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा का वो चैट भी ट्वीट करें, जिसमे वो भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए न्याय के पद पर बैठे लोगों से डील करते नजर आते थे। इस मामले में भाजपा का पक्ष वही है, जो हमारे प्रधानमंत्री का है। भाजपा भारत की न्याय व्यवस्था, सीजेआई और दलितों का पूरा सम्मान करती है।
📌 VHP की अपील
VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।
हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।


