
World Blood Donor Day 2025: क्या आप रक्तदान के योग्य हैं? जानिए ये 4 ज़रूरी बातें
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना और उन्हें प्रोत्साहित करना ताकि ज़रूरतमंदों की जान बचाई जा सके। बावजूद इसके, भारत जैसे देश में आज भी रक्तदान को लेकर कई भ्रांतियां और डर फैले हुए हैं, जो लोगों को रक्तदान से दूर रखते हैं।
भारत में हर साल लगभग 1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, लेकिन उपलब्धता केवल 1 करोड़ यूनिट तक ही सीमित रह जाती है। इसका प्रमुख कारण है लोगों के मन में बसे रक्तदान से जुड़े मिथक और भ्रम। आइए जानते हैं वो चार ज़रूरी बातें, जो हर रक्तदाता को जाननी चाहिए:
इन्हें भी देखे –सुबह उठते ही पानी पीना क्यों है फायदेमंद? जानिए जापानियों की लंबी उम्र का हेल्थ सीक्रेट – वॉटर थेरेपी
1. रक्तदान से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है – एक गलतफहमी
कई लोगों को लगता है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है या इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जबकि सच यह है कि रक्तदान में केवल लाल रक्त कोशिकाएं ली जाती हैं, जिन्हें शरीर कुछ ही दिनों में पुनः बना लेता है। श्वेत रक्त कोशिकाओं में थोड़ी अस्थायी कमी आती है, लेकिन इससे प्रतिरक्षा प्रणाली पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता।
सच्चाई: रक्तदान से इम्यूनिटी या ताकत पर कोई स्थायी असर नहीं होता।
2. टैटू या पियर्सिंग वालों को रक्तदान नहीं करना चाहिए – सच्चाई क्या है?
यह एक आम धारणा है कि टैटू बनवाने या पियर्सिंग कराने के बाद रक्तदान नहीं किया जा सकता। जबकि विशेषज्ञों की राय है कि यदि टैटू किसी रजिस्टर्ड पार्लर से बनवाया गया है और तीन महीने की अवधि बीत चुकी है, तो आप रक्तदान कर सकते हैं।
सुझाव: टैटू या पियर्सिंग के बाद कम से कम 3 महीने का अंतर जरूर रखें।
इन्हें भी देखे –Curd for Skin Care: दही से करें स्किन की देखभाल, पाएं ग्लोइंग स्किन के 5 नैचुरल तरीके
3. महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकतीं – यह भी एक मिथक है
महिलाएं भी पूरी तरह से रक्तदान कर सकती हैं, जब तक उनका हीमोग्लोबिन स्तर 12.5 g/dL से अधिक हो। यदि कोई महिला एनीमिया से पीड़ित है या हीमोग्लोबिन कम है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही रक्तदान करें।
सच्चाई: महिला और पुरुष दोनों समान रूप से रक्तदान के पात्र हो सकते हैं।
4. साल में कितनी बार कर सकते हैं रक्तदान?
रक्तदान के बाद शरीर को रिकवरी में लगभग 8 सप्ताह का समय लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर 56 दिन में एक बार रक्तदान कर सकता है, यानी साल में 3-4 बार रक्तदान करना पूरी तरह सुरक्षित है।
निष्कर्ष
रक्तदान एक जीवनदायिनी क्रिया है, जिससे आप किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं। यदि आप स्वस्थ हैं और आपके ब्लड पैरामीटर सामान्य हैं, तो आगे बढ़िए और रक्तदान करिए।
नोट: यह लेख चिकित्सा विशेषज्ञों और रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। रक्तदान से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।