
US Iran Conflict
US Iran Conflict-
अमेरिका ने ईरान में 3 प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित हैं। यह हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के तीन घंटे बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इन महत्वपूर्ण परमाणु साइट्स को पूरी तरह से ‘obliterate’ यानी तबाह कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि फोर्डो पर बमों की पूरी खेप गिराई गई।
ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने शांति कायम नहीं की, तो आगे और भी बड़े हमले किए जाएंगे।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘इतिहास बदलने वाला’ करार दिया और ट्रम्प को धन्यवाद दिया।
सऊदी अरब की प्रतिक्रिया: गल्फ क्षेत्र में रेडियोएक्टिव असर नहीं
सऊदी अरब के परमाणु और रेडियोलॉजिकल रेगुलेटरी कमीशन ने बताया कि इन हमलों के बाद गल्फ क्षेत्र में किसी भी तरह के रेडियोएक्टिव प्रभाव की पुष्टि नहीं हुई है।
ईरान का जवाब: आत्मरक्षा का अधिकार सुरक्षित
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि उन्हें आत्मरक्षा का अधिकार है और ईरान अपने हितों की सुरक्षा के लिए हर विकल्प अपनाएगा। उन्होंने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून, UN चार्टर और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के उल्लंघन का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “आज सुबह जो हुआ वह बेहद खतरनाक, अवैध और आपराधिक है। इसका असर हमेशा के लिए रहेगा।”
मिसाइल हमलों की विस्तार से जानकारी
अमेरिका ने इस्फहान और नतांज में 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं, जो 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से छोड़ी गईं। वहीं फोर्डो में B2 बॉम्बर्स से 5 से 6 GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए गए।
हमास ने हमले की निंदा की
हमास ने अमेरिका के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि इससे वैश्विक शांति को खतरा है।
रेडिएशन लीक की खबरों पर सफाई
ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था IAEA ने पुष्टि की कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान में रेडिएशन लीक नहीं हुआ है। इन जगहों के आसपास रहने वालों के लिए कोई खतरा नहीं है।
इजराइल ने आपात स्थिति घोषित की
इजराइल ने स्कूल, दफ्तर, भीड़भाड़ वाली जगहों और आयोजनों पर रोक लगा दी है। होम फ्रंट कमांड ने जरूरी कामों को छोड़कर सभी गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
ईरान का दावा: हमला IAEA निगरानी में हुआ
ईरान की AEOI ने कहा कि परमाणु ठिकानों पर ये हमले IAEA की निगरानी में हुए, और यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने दुनिया से ‘जंगल के कानून’ की निंदा करने की अपील की।
बाइडेन सरकार में हुई थी हमले की प्रैक्टिस
ABC न्यूज के अनुसार अमेरिका और इजराइल ने करीब एक साल पहले ईरान पर मिसाइल हमलों का अभ्यास किया था।
नेतन्याहू ने कहा- जनता से किया वादा पूरा किया
नेतन्याहू ने कहा कि ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान पर हमला किया गया और यह इजराइल की सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। ट्रम्प ने खुद फोन करके बधाई दी।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है और इसका असर आम लोगों व वैश्विक स्थिरता पर पड़ेगा। उन्होंने बातचीत के जरिए समाधान की अपील की।
ट्रम्प का दो टूक बयान: ईरान शांति नहीं चाहता तो तैयार रहे
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दिया जाएगा। ईरान केवल इजराइल ही नहीं, अमेरिका के लिए भी खतरा है।
नेतन्याहू की सराहना और ट्रम्प को धन्यवाद
इजराइल के प्रधानमंत्री ने ट्रम्प को “दुनिया का सबसे साहसी नेता” कहा और बताया कि दुनिया के किसी और देश में ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं है।
ईरानी सेना का बयान
ईरान की सेना ने कहा कि उन्होंने हमले को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। फोर्डो साइट पर सीधा हमला हुआ और हमले से पहले ही तीनों ठिकानों को खाली कर दिया गया था।
अमेरिकी सांसदों में मतभेद
अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों के बीच इस हमले को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ ने इसे ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ कहा, वहीं कुछ ने इसे असंवैधानिक और खतरनाक बताया।
विरोध में:
- रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी: “यह संविधान के खिलाफ है।”
- डेमोक्रेट सारा जैकब्स: “यह हमला अंतहीन युद्ध को जन्म देगा।”
समर्थन में:
- एंडी हैरिस: “परमाणु हथियारों से लैस ईरान पूरे विश्व के लिए खतरा है।”
- डॉन बेकन: “राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिका की रक्षा कर रहे हैं।”
- लिंडसे ग्राहम: “यह एक सही फैसला है।”
यह घटनाक्रम केवल अमेरिका और ईरान ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
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