UPI Daily Limit-
नई दिल्ली: भारत में UPI (Unified Payments Interface) लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। अब नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बड़ा फैसला लिया है। नई गाइडलाइंस के तहत अब रोज़ाना ₹10 लाख तक के हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन की सुविधा मिल गई है। हालांकि, यह बदलाव केवल चुनिंदा कैटेगरी के पेमेंट्स पर लागू होगा।
किन-किन ट्रांजेक्शन पर बढ़ी लिमिट?
🔹 कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस – प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख (पहले ₹2 लाख), डेली कैप ₹10 लाख।
🔹 क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट – प्रति ट्रांजेक्शन ₹5 लाख (पहले ₹2 लाख), डेली कैप ₹6 लाख।
🔹 ज्वेलरी शॉपिंग – प्रति ट्रांजेक्शन सीमा वही ₹2 लाख, लेकिन डेली कैप बढ़कर ₹6 लाख।
🔹 ट्रैवल बुकिंग, EMI और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) – अब एक दिन में ₹10 लाख तक पेमेंट संभव।
🔹 हॉस्पिटल और एजुकेशन पेमेंट्स – पहले से ही ₹10 लाख की सीमा तय थी, इसमें कोई बदलाव नहीं।
🔹 गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और RBI डायरेक्ट निवेश – सीमा ₹10 लाख।
इन ट्रांजेक्शन पर नहीं हुआ कोई बदलाव
पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांसफर की लिमिट पहले जैसी ही रहेगी।
सामान्य यूजर्स के लिए रोज़ाना ₹1 लाख की लिमिट लागू रहेगी।
यानी कि आम लोगों के लिए UPI लिमिट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
P2P Collect Request होगा बंद
NPCI ने एक और बड़ा ऐलान किया है।
1 अक्टूबर 2025 से P2P Collect Request फीचर पूरी तरह बंद हो जाएगा।
अब कोई भी यूजर UPI पर “पेमेंट रिक्वेस्ट” नहीं भेज पाएगा।
सिर्फ QR कोड स्कैन या UPI ID डालकर ही ट्रांजेक्शन संभव होगा।
👉 वजह – इस फीचर का इस्तेमाल ठग नकली कैशबैक और रिवॉर्ड्स के नाम पर फ्रॉड करने के लिए कर रहे थे।
धोखाधड़ी पर सख्त नियम
नई लिमिट केवल वेरीफाइड मर्चेंट्स पर लागू होगी।
सामान्य P2P ट्रांजेक्शन पर अभी भी ₹1 लाख की लिमिट है।
बैंक अपनी रिस्क पॉलिसी के अनुसार ग्राहकों के लिए लिमिट और कम भी कर सकते हैं।
क्यों किया गया यह बदलाव?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार:
यह कदम बड़े लेन-देन को आसान बनाएगा।
चेक और स्लो पेमेंट मोड्स पर निर्भरता कम होगी।
अब UPI केवल रोज़मर्रा की छोटी खरीदारी ही नहीं बल्कि बड़े निवेश, बीमा प्रीमियम और बिज़नेस ट्रांजेक्शन के लिए भी भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बन जाएगा।
निष्कर्ष
नए नियम के बाद Paytm, GPay और PhonePe जैसे UPI प्लेटफॉर्म्स पर हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन करना आसान हो जाएगा। हालांकि, आम यूजर्स के लिए अभी भी रोज़ाना ₹1 लाख की ही सीमा रहेगी।
