
UP News -कानपुर हादसा: तड़पते रहे भाई-बहन, राहगीरों ने बनाया वीडियो, मानवता फिर हुई शर्मसार
कानपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कल्याणपुर क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई। तेज रफ्तार और उल्टी दिशा से आ रहे लोडर ने स्कूटी सवार भाई-बहन को टक्कर मार दी। हादसे के बाद दोनों सड़क पर गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े, लेकिन किसी राहगीर ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने की बजाय केवल मोबाइल से वीडियो बनाना ज़रूरी समझा। पौने घंटे तक भाई-बहन दर्द से तड़पते रहे और अंततः अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
घटना बुधवार सुबह 5:15 बजे की है जब 19 वर्षीय अलशिफा अपने 15 वर्षीय भाई तौहीद के साथ स्कूटी पर कल्याणपुर स्टेशन जा रही थी। अलशिफा बिल्हौर के एक प्राइवेट कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की छात्रा थी और परीक्षा देने आरौल जा रही थी। तभी केस्को सब स्टेशन के पास एक तेज रफ्तार लोडर, जो गलत दिशा में आ रहा था, ने स्कूटी को टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों उछलकर सड़क पर गिर पड़े और बुरी तरह घायल हो गए। लोडर चालक मौके से फरार हो गया।
राहगीरों की संवेदनहीनता

हादसे के बाद सड़क पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लेकिन इस भीड़ में किसी ने न तो पुलिस को सूचना दी और न ही एंबुलेंस बुलाने की जहमत उठाई। यहां तक कि घटनास्थल से केवल 100 मीटर दूर दो नर्सिंग होम थे, लेकिन किसी ने उन्हें वहां तक पहुंचाना भी जरूरी नहीं समझा।
कुछ लोगों ने तो घायलों की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने को अधिक महत्व दिया।
देर से पहुंची पुलिस और एंबुलेंस
करीब 40 मिनट बाद, सुबह 5:45 बजे पुलिस और 5:55 बजे एंबुलेंस मौके पर पहुंची। दोनों घायलों को कल्याणपुर सीएचसी ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
जब यह खबर मसवानपुर निवासी पिता मो. शकील और मां खुशनुमा बानो तक पहुंची, तो घर में मातम छा गया। मां बार-बार कहती रहीं, “मेरा बेटा चला गया, मेरी बेटी भी चली गई… अब किसके सहारे जिएंगे?”
छोटी बहन कशिश अपनी बहन अलशिफा के शव से लिपटकर रोती रही, “अब अप्पी किसे कहेंगे…” उसकी यह चीख सुनकर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई।
एक अधूरी रह गई ख्वाहिश

अलशिफा की ख्वाहिश थी कि वह नर्स बनकर अपने परिवार का नाम रोशन करे। लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। हादसे से एक दिन पहले ही वह राजस्थान के फतेहपुर से परीक्षा देकर लौटी थी और अगले दिन सुबह की परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
यह भी बताया गया कि हादसे की खबर पिता को सुबह साढ़े सात बजे मिली। जब दोनों शव दोपहर एक बजे घर पहुंचे, तो पूरा मोहल्ला शोक में डूब गया।
पुलिस कर रही है जांच
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि पीड़ित परिवार की तरफ से जो भी तहरीर दी जाएगी, उसी आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब लोडर चालक की तलाश कर रही है।
निष्कर्ष
कानपुर की यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि समाज में घटती संवेदनाओं और मानवता के पतन का प्रमाण है। जिस समाज में घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की बजाय उनका वीडियो बनाना प्राथमिकता हो, वहां आत्ममंथन जरूरी है। इस तरह की घटनाएं चेतावनी हैं कि तकनीक ने इंसान को संवेदनहीन बना दिया है।
अब सवाल यह है कि क्या हम सिर्फ दर्शक बनकर रह जाएंगे या आगे बढ़कर किसी की जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी उठाएंगे?
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