Trump 50 Percent Tariff On India -भारत पर ट्रम्प का 50% टैरिफ लागू: ₹5.4 लाख करोड़ एक्सपोर्ट पर असर, ज्वेलरी और कपड़ों की मांग 70% घट सकती है
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों पर आज, 27 अगस्त से 50% टैरिफ लागू कर दिया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया शुल्क भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।
GTRI का अनुमान है कि टैरिफ की वजह से अप्रैल 2027 तक भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट ₹7.5 लाख करोड़ से घटकर ₹4.3 लाख करोड़ रह सकता है। यह टैरिफ भारत से अमेरिका जाने वाले करीब 66% सामान को कवर करता है।
किन सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर?
इस टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले भारतीय कपड़े, ज्वेलरी, फर्नीचर और सीफूड जैसे प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इनकी मांग में 70% तक गिरावट आ सकती है। वहीं, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे देश अमेरिकी बाजार में कम टैरिफ की वजह से सस्ते दाम पर सामान बेच पाएंगे, जिससे भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी घट सकती है।
1. मशीनरी और ऑटो पार्ट्स
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भारत ने 2024 में $19.16 बिलियन (₹1.68 लाख करोड़) के इंजीनियरिंग गुड्स अमेरिका भेजे।
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पहले कारों पर 25% और छोटे वाहनों के पार्ट्स पर 10% टैरिफ था।
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अब 50% टैरिफ से लगभग ₹30,000 करोड़ का ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है।
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छोटे और मझोले उद्यम सबसे ज्यादा असर में होंगे।
समाधान: भारत यूरोप और ASEAN देशों में एक्सपोर्ट बढ़ा सकता है और PLI स्कीम से उत्पादन लागत कम कर सकता है।
2. इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन
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2024 में भारत ने अमेरिका को $14 बिलियन (₹1.23 लाख करोड़) के इलेक्ट्रॉनिक्स भेजे, जिनमें iPhone का बड़ा हिस्सा है।
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अभी इलेक्ट्रॉनिक्स टैरिफ से बाहर हैं, लेकिन Section 232 की समीक्षा के बाद 50% शुल्क लागू हो सकता है।
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लागू होते ही भारतीय स्मार्टफोन महंगे होंगे और कंपनियां उत्पादन शिफ्ट करने पर विचार कर सकती हैं।
समाधान: भारत को स्मार्टफोन और सेमीकंडक्टर्स पर छूट बनाए रखने के लिए बातचीत करनी होगी।
3. फार्मा सेक्टर
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भारत ने 2024 में अमेरिका को $10.52 बिलियन (₹92,000 करोड़) की दवाइयां निर्यात कीं।
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अभी छूट है, लेकिन ट्रम्प ने 18 महीने में 150% और बाद में 250% टैरिफ की धमकी दी है।
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इससे दवाओं की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं और Sun Pharma, Dr. Reddy’s, Cipla, Lupin जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी।
समाधान: जेनेरिक दवाओं को बचाने के लिए अमेरिका से ट्रेड डील और यूरोप-लैटिन अमेरिका में निर्यात बढ़ाना।
4. जेम्स एंड ज्वेलरी
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भारत ने 2024 में अमेरिका को $9.94 बिलियन (₹87,000 करोड़) के ज्वेलरी एक्सपोर्ट किए।
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नया टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है, जिससे निर्यात में 15-30% की कमी संभव है।
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भारतीय कारीगरों की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं।
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कंपनियां दुबई (10% टैरिफ) और मेक्सिको (25% टैरिफ) में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने पर विचार कर रही हैं।
समाधान: भारत को अमेरिका के साथ ट्रेड एग्रीमेंट और यूरोपीय बाजार में डायमंड एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा।
5. टेक्सटाइल और गारमेंट्स
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भारत ने 2024 में अमेरिका को $10 बिलियन (₹87,000 करोड़) के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट किए।
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50% टैरिफ से भारतीय कपड़े 20-25% महंगे होंगे और मांग घटेगी।
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अमेरिकी बाजार में भारत की हिस्सेदारी 33% से गिरकर 20-25% रह सकती है।
समाधान: EU, UK और UAE में एक्सपोर्ट पर फोकस और कच्चे कपास पर आयात शुल्क घटाने की मांग।
6. सी फूड सेक्टर
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भारत सालाना ₹60,000 करोड़ का सीफूड अमेरिका भेजता है, जो कुल सीफूड एक्सपोर्ट का 40% है।
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50% टैरिफ से लगभग ₹24,000 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो सकता है।
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इक्वाडोर (10%), इंडोनेशिया (19%) और वियतनाम (20%) जैसे देशों से मुकाबला मुश्किल होगा।
समाधान: भारत को यूरोप और चीन जैसे बाजारों में सीफूड एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा।
टैरिफ क्यों लगाया गया?
टैरिफ यानी आयात शुल्क। ट्रम्प का आरोप है कि भारत अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय सामान पर कम। इसी असमानता को खत्म करने के लिए उन्होंने ‘Reciprocal Tariff Policy’ लागू की।
साथ ही, भारत के रूस से तेल और हथियार खरीदने से भी ट्रम्प नाराज थे। इसलिए कुल मिलाकर 50% टैरिफ लागू कर दिया गया।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील की स्थिति
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। 25 अगस्त को छठे दौर की बातचीत तय थी लेकिन टाल दी गई। भारत सितंबर-अक्टूबर तक समझौते की उम्मीद कर रहा है, हालांकि एग्रीकल्चर सेक्टर और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों को लेकर मतभेद बने हुए हैं।

