
Tomar Brothers Office Demolition -रायपुर में तोमर बंधुओं के ऑफिस पर चला बुलडोजर, सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का ठिकाना जमींदोज
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं के ऑफिस पर प्रशासन ने रविवार सुबह बुलडोजर चला दिया। भाठागांव स्थित यह ऑफिस नियमों के खिलाफ बनाया गया था और यहीं से सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग का काम संचालित होता था।
दोनों आरोपी रोहित सिंह तोमर और वीरेंद्र सिंह तोमर पिछले दो महीने से फरार हैं। रायपुर पुलिस ने इन दोनों के बारे में सुराग देने वालों के लिए इनाम भी घोषित किया है। मामला पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है।
गृहमंत्री ने दी कड़ी चेतावनी
विष्णुदेव-सरकार में
“सुशासन है तो चक्र सुदर्शन भी है”किसी मंत्री-मुख्यमंत्री जी के साथ फोटो खिचवाने से कोई क़ानून से बड़ा नहीं हो जाता।
अपराधी तोमर ने अनेक लोगों को पीड़ा पहुंचाई है। #जय_बुलडोजर pic.twitter.com/oR9NfRDwZJ
— Vijay sharma (@vijaysharmacg) July 27, 2025
पत्नी भावना तोमर की गिरफ्तारी
10 दिन पहले पुलिस ने रोहित तोमर की पत्नी भावना तोमर को गिरफ्तार किया था। वह शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की संचालिका थी और जमीन की खरीदी-बिक्री में संलिप्त थी। आरोप है कि उसने 3 लाख रुपए उधार देकर एक 15 लाख की जगुआर कार गिरवी रखी थी और 5 लाख वसूलने के बावजूद पीड़ित से 10 लाख की मांग कर रही थी। पुलिस ने कार, 2 मोबाइल और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
कार की असली सच्चाई
जांच में पता चला कि लग्जरी कार तोमर बंधुओं की नहीं थी। असल मालिक भिलाई निवासी मनोज कुमार वर्मा हैं, जिन्होंने 5 साल पहले 3 लाख रुपए कर्ज लिया था। मनोज वर्मा 5 लाख चुका चुके थे, फिर भी कार वापस नहीं की गई।
तोमर बंधुओं पर केस और फरारी
वीरेंद्र और रोहित सिंह तोमर पर सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली के 6 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पुलिस ने कई राज्यों में सर्च अभियान चलाया, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।
18 जुलाई को दोनों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर उद्घोषणा जारी की है।
निगरानी बदमाश रोहित ‘गोल्डन मैन’
रोहित तोमर का नाम निगरानी गुंडा बदमाश की लिस्ट में है। उसके खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी थानों में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कर्ज देकर अत्यधिक ब्याज पर वसूली करना और ब्लैकमेल करना इसका मुख्य धंधा था।
पीड़ितों के खुलासे
कार्रवाई के बाद कई पीड़ित सामने आए हैं। नारायणपुर जिले के एक पीड़ित ने बताया कि उसने 10 लाख कर्ज लिया था और ब्याज में 1 करोड़ 10 लाख रुपए चुका दिए, फिर भी उसे धमकाया जाता रहा।
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