
Tendupatta Bonus Scam
Tendupatta Bonus Scam: ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, 11 आरोपी गिरफ्तार, 7 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा
सुकमा, छत्तीसगढ़।
सुकमा वनमंडल में सामने आए बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने घोटाले में संलिप्त 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन पर 7 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के गबन और पद के दुरुपयोग का आरोप है।
ईओडब्ल्यू की जांच के मुताबिक, वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता सीजन के दौरान संग्राहकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का बड़ा हिस्सा तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल ने अन्य अधिकारियों और प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर गबन कर लिया। इस गंभीर आर्थिक अनियमितता की एफआईआर 8 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई थी।
पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं तत्कालीन डीएफओ

इस मामले में डीएफओ अशोक कुमार पटेल को पहले ही 17 अप्रैल को गिरफ्तार किया जा चुका है। ताजा कार्रवाई में 4 वनकर्मी और 7 प्राथमिक वनोपज समिति के प्रबंधकों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों पर IPC की धारा 409 (आपराधिक न्यासभंग) और 120B (षड्यंत्र) के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम:
वन विभाग के कर्मचारी:
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चैतूराम बघेल – उप वनक्षेत्रपाल
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देवनाथ भारद्वाज – उप वनक्षेत्रपाल
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पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा – उप वनक्षेत्रपाल
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मनीष कुमार बारसे – वनरक्षक
समिति प्रबंधक:
5. सत्यनारायण उर्फ शत्रु पायम
6. मोहम्मद शरीफ
7. सी.एच. रमना
8. सुनील नुप्पो
9. रवि कुमार गुप्ता
10. आयतू कोरसा
11. मनोज कवासी

जांच में हुआ बड़ा खुलासा:
ईओडब्ल्यू द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया कि यह पूरा घोटाला सुनियोजित साजिश के तहत किया गया था। सरकारी धन को बिना वैध संविदा के निजी व्यक्तियों को हस्तांतरित किया गया और संग्राहकों को उनका हक नहीं मिला। जांच में यह भी सामने आया कि एक हिस्से की राशि पूर्व विधायक मनीष कुंजाम और कुछ पत्रकारों तक भी पहुंचाई गई थी।
सुकमा में की गई थी छापेमारी:
10 अप्रैल को सुकमा जिले में 12 से अधिक स्थानों पर ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई के दौरान पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक और समिति प्रबंधकों के ठिकानों की तलाशी ली गई।
राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नकद जब्त किए गए थे। इसके बाद डीएफओ अशोक कुमार पटेल को निलंबित कर दिया गया था।
मनीष कुंजाम ने दी सफाई:
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि उन्होंने ही इस घोटाले की शिकायत की थी, लेकिन छापेमारी उनके घर पर की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई द्वेष भावना से की गई और उनकी छवि खराब करने का प्रयास है।
अभी भी जारी है जांच, और गिरफ्तारियों की संभावना:
ईओडब्ल्यू की जांच अब भी जारी है और अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह मामला राज्य में सरकारी धन के दुरुपयोग और वन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।
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