Tehsildar Strike In Chhattisgarh –छत्तीसगढ़ में आज से तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, बोले- “संसाधन नहीं तो काम नहीं”, जानिए 17 प्रमुख मांगें
रायपुर। छत्तीसगढ़ के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। राज्यभर के 550 से अधिक अधिकारियों ने बुधवार को नवा रायपुर स्थित तूता धरना स्थल पर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। तहसीलदार संघ का कहना है कि अब वे “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर काम करेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने कहा कि 30 जुलाई को चेतावनी स्वरूप हड़ताल की गई थी, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि संसाधनों और सुविधाओं की कमी के कारण प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं और अधिकारी मानसिक रूप से दबाव में हैं।
तहसीलदार संघ की 17 प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:
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प्रत्येक तहसील में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति: कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, पटवारी और राजस्व निरीक्षक की नियुक्ति अनिवार्य की जाए।
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प्रमोशन में पारदर्शिता: डिप्टी कलेक्टर पद की पदोन्नति में 50:50 अनुपात (सीधी भर्ती और प्रमोशन) लागू हो।
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राजपत्रित अधिकारी का दर्जा: नायब तहसीलदारों को पूर्व घोषणा के अनुसार राजपत्रित अधिकारी का दर्जा प्रदान किया जाए।
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ग्रेड पे में सुधार: वेतनमान में शीघ्र संशोधन किया जाए।
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सरकारी वाहन और चालक की सुविधा: प्रत्येक तहसील को यह सुविधा दी जाए।
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निलंबन मामलों में त्वरित कार्रवाई: 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर बहाली की जाए।
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जन शिकायतों में न्यायिक मामलों को न जोड़ा जाए।
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न्यायिक आदेशों पर FIR न हो: जज प्रोटेक्शन एक्ट 1985 का पालन सुनिश्चित किया जाए।
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प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग न्यायालय कार्य की व्यवस्था हो।
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स्टाफ की आउटसोर्सिंग का अधिकार तहसीलदार को मिले।
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प्रशिक्षित ऑपरेटरों की नियुक्ति हो: स्वामित्व योजना, भू-अभिलेख और ई-कोर्ट जैसे कार्यों हेतु।
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SLR और ASLR की पुनर्नियुक्ति की जाए।
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सरकारी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएं: निजी नंबर की गोपनीयता बनाए रखने हेतु।
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सुरक्षा गार्ड और फील्ड वाहन की सुविधा हर तहसील में दी जाए।
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सड़क दुर्घटनाओं में त्वरित मुआवजा की गाइडलाइन बने।
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संघ को सरकार से मान्यता मिले: ताकि वार्ता में भागीदारी सुनिश्चित हो।
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राजस्व न्यायालय सुधार हेतु विशेषज्ञ समिति गठित हो।
