
Teacher Suspend: नेटवर्क मार्केटिंग के चक्कर में फंसे गुरुजी, ‘हर्बल लाइफ’ प्रचारक बन विदेश घूमे, किराए पर रखा शिक्षक
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब कुछ शिक्षक ब्लैकबोर्ड छोड़ नेटवर्क मार्केटिंग का रास्ता अपना रहे हैं। शिक्षकों का यह नया ट्रेंड शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है। ‘हर्बल लाइफ’ नाम की बहुराष्ट्रीय नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी से जुड़े कुछ शिक्षकों पर अब विभाग ने कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है, जिसने शाला कार्य के समय एक किराए के शिक्षक को नियुक्त कर खुद कंपनी का प्रचार शुरू कर दिया था।
किराए का शिक्षक रख खुद विदेश गया शिक्षक
सारंगढ़ विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला अमझर में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी सुनील कुमार बंजारे पर आरोप है कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आते थे। जांच में पाया गया कि उन्होंने एक बाहरी व्यक्ति को 2000 रुपये प्रतिमाह पर ‘किराए का शिक्षक’ नियुक्त किया था, ताकि वह शाला संचालन कर सके। इस दौरान वे स्वयं ‘हर्बल लाइफ’ कंपनी के प्रचार में व्यस्त रहते थे और इसके लिए विदेश तक यात्रा कर चुके थे।
जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबन
विभागीय जांच में यह आरोप प्रमाणित हो गया। इसके आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी एल. पी. पटेल द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि श्री बंजारे का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 और 16 का उल्लंघन है। यह आचरण अनुशासनहीनता और सरकारी सेवा की शर्तों के विरुद्ध है। इसलिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
नौकरी छोड़ व्यवसाय की ओर बढ़ते शिक्षक
हर्बल लाइफ और अन्य नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों की ओर रुख कर रहे शिक्षकों की संख्या में इज़ाफा देखा जा रहा है। कई शिक्षकों ने विभाग को त्यागपत्र सौंपते हुए लिखा है कि वे अब ‘नौकर माइंडसेट’ छोड़कर ‘मालिक माइंडसेट’ में कार्य करना चाहते हैं। इसके जवाब में बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक ने सभी जिलों के DEO को निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे शिक्षकों की पहचान कर जांच रिपोर्ट विभाग को भेजी जाए।
‘मोटू-पतलू बिजनेस’ बना मजाक का विषय
शिक्षक समुदाय में ‘हर्बल लाइफ’ को मज़ाक में ‘मोटू-पतलू बिजनेस’ कहा जाने लगा है। वजह यह है कि कंपनी के एक ही उत्पाद को मोटा और पतला दोनों बनने के लिए अलग-अलग तरीकों से उपयोग करने की सलाह दी जाती है। वजन घटाने वालों को केवल पाउडर और सख्त डाइट दी जाती है, जबकि वजन बढ़ाने वालों को वही पाउडर भारी भोजन के साथ दिया जाता है।
ऑनलाइन मीटिंग और छात्रों से प्रचार
शिक्षा विभाग को मिली शिकायतों में कहा गया है कि कुछ शिक्षक शाला समय के दौरान ऑनलाइन ट्रेनिंग, मीटिंग और निजी सेमिनारों में हिस्सा ले रहे हैं। कुछ मामलों में तो शिक्षकों ने विद्यार्थियों को भी प्रचार में शामिल करना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर इन शिक्षकों की लग्ज़री कारों और विदेश यात्राओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिससे समाज में शिक्षकों की भूमिका को लेकर आलोचना हो रही है।
त्यागपत्रों में विवादास्पद बातें
हर्बल लाइफ से जुड़े कुछ शिक्षकों – जैसे ज्ञान सिंह, शशि बैरागी, रघुराम पैंकरा – द्वारा दिए गए त्यागपत्रों में विवादास्पद बातें सामने आई हैं। इनमें से एक पत्र में लिखा गया है कि “सरकारी नौकरी में रचनात्मकता मर जाती है, अब मैं मालिक बनकर जीवन संवारना चाहता हूं।” इन बयानों के बाद न केवल विभाग बल्कि समाज में भी इन शिक्षकों के रवैये पर सवाल उठने लगे हैं।
विभाग ने दिए स्पष्ट निर्देश
संभागीय संचालक द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो भी शिक्षक नेटवर्क मार्केटिंग गतिविधियों में संलिप्त हैं, उनकी गहन जांच कर प्रमाण सहित जानकारी विभाग को दी जाए। दोषी पाए जाने पर ऐसे शिक्षकों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
source – NW News (Teacher Suspend:)