Sushila Karki Nepal Interim PM-
काठमांडू (नेपाल)। नेपाल में तख्तापलट के 3 दिन बाद बड़ा राजनीतिक बदलाव हुआ है। नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात 8:45 बजे उनका शपथ ग्रहण होगा। कार्की को मेयर बालेन शाह का भी समर्थन मिला है। इस दौरान कुलमान घीसिंग, ओम प्रकाश अर्याल और बालानंद शर्मा मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
संसद भंग और राजनीतिक घटनाक्रम
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद को भंग कर दिया है। यह फैसला सेना, राष्ट्रपति और Gen-Z नेताओं की लगातार बैठकों के बाद लिया गया। आंदोलनकारी Gen-Z नेताओं की प्रमुख मांग संसद भंग करना और संविधान में बदलाव करना रही है।
सुशीला कार्की का परिचय
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। उनका राजनीतिक अनुभव और न्यायपालिका में योगदान उन्हें इस पद के लिए एक अहम चेहरा बनाता है।
नेपाल में हालात और भारतीय नागरिकों की वापसी
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9 सितंबर को हुए Gen-Z आंदोलन के तख्तापलट में संसद, राष्ट्रपति भवन और पीएम ओली के निजी आवासों को आग के हवाले कर दिया गया था।
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इस हिंसा में अब तक 51 लोगों की मौत और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
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काठमांडू में हालात सामान्य होने लगे हैं। सेना गश्त कर रही है और बाजार खुलने लगे हैं।
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भारत ने विशेष उड़ानों और बॉर्डर रूट से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश के 140 लोग सुरक्षित लौट चुके हैं।
भारतीय पत्रकारों पर हमले
नेपाल में रिपोर्टिंग कर रहे भारतीय पत्रकारों के साथ मारपीट और बदसलूकी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
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शुक्रवार को दो भारतीय पत्रकारों पर हमला हुआ। एक प्रदर्शनकारी ने रिपब्लिक न्यूज चैनल के पत्रकार को थप्पड़ मारा।
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न्यूज एजेंसी IANS के कैमरापर्सन के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
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इससे पहले गुरुवार को एक महिला पत्रकार के साथ सरेआम बदसलूकी की गई थी।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भारतीय मीडिया उनके आंदोलन को गलत तरीके से दिखा रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति का बयान
नेपाल के पहले राष्ट्रपति राम बरन यादव ने कहा है कि आंदोलनकारियों की मांगें मौजूदा 2015 के संविधान के दायरे में पूरी की जा सकती हैं। उन्होंने कहा –
“जेन-Z की आकांक्षाएं लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संविधान सभा द्वारा बनाए गए संविधान के सही क्रियान्वयन से हासिल की जा सकती हैं।”
