
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में 5 मई से प्रदेशभर में सुशासन तिहार के तीसरे चरण की शुरुआत होगी।
इस चरण के आयोजन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह चरण 31 मई तक चलेगा, जिसमें राज्य के हर जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों में समाधान शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में नागरिकों को उनके द्वारा किए गए आवेदनों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और अन्य मंत्री कुछ शिविरों में स्वयं पहुंचकर आवेदकों से मिलेंगे और उनके मामलों के समाधान की स्थिति की जानकारी लेंगे।
इस चरण की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से अचानक किसी भी गांव में पहुंचेंगे और ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाकर संवाद करेंगे। इस दौरान वे ग्रामीण विकास कार्यों और शासकीय योजनाओं के अमल की स्थिति की प्रत्यक्ष जानकारी लेंगे। मुख्यमंत्री वहां मौजूद अमले के कार्य प्रदर्शन का भी मूल्यांकन करेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने प्रशासन को अधिक संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ‘सुशासन तिहार-2025’ की शुरुआत की है। इसका पहला चरण 8 अप्रैल से शुरू हुआ था, जिसमें 11 अप्रैल तक राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों से समस्याएं और मांगें प्राप्त की गईं। ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक आवेदन पेटियां रखी गईं ताकि नागरिक सरलता से अपनी बात शासन तक पहुंचा सकें। साथ ही ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी दी गई। पहले चरण में लगभग 40 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें योजनाओं से संबंधित समस्याएं और मांगें शामिल थीं। इन आवेदनों को विभागवार वर्गीकृत कर सुराज पोर्टल पर अपलोड किया गया और पारदर्शी तरीके से निराकरण की प्रक्रिया जारी है। हितग्राहियों को उनके आवेदन की स्थिति की सूचना समयबद्ध ढंग से दी जा रही है।
तीसरे चरण में सरकार की प्राथमिकता यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए। समाधान शिविरों में नागरिकों को आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे और पात्रता के अनुसार उन्हें योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा। शिविरों में ग्रामीणों को जागरूक कर योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट कहा है कि सुशासन तिहार का मुख्य उद्देश्य प्रशासन को जनता के दरवाजे तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि राज्य के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिले और कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे। सुशासन तिहार मुख्यमंत्री की जनसेवा और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच एक सशक्त सेतु के रूप में कार्य कर रहा है।
Source -NW News