Stock Market News: भारतीय शेयर बाजार से क्यों भाग रहे विदेशी निवेशक? पहले हफ्ते में 12,257 करोड़ की निकासी
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली लगातार जारी है। सितंबर 2025 के पहले हफ्ते में ही एफपीआई ने करीब ₹12,257 करोड़ (1.4 अरब डॉलर) बाजार से निकाल लिए। यह ट्रेंड निवेशकों और एक्सपर्ट्स के बीच चिंता का कारण बना हुआ है।
लगातार बढ़ रही बिकवाली
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अगस्त 2025 में एफपीआई ने ₹34,990 करोड़ की निकासी की।
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जुलाई 2025 में यह आंकड़ा ₹17,700 करोड़ था।
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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक एफपीआई कुल ₹1.43 लाख करोड़ की निकासी कर चुके हैं।
क्यों भाग रहे विदेशी निवेशक?
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डॉलर की मजबूती और अमेरिकी टैरिफ नीति का असर।
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भू-राजनीतिक तनाव के चलते निवेशक सुरक्षित बाजार की तलाश में हैं।
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घरेलू बाजार के उच्च मूल्यांकन से मुनाफावसूली की प्रवृत्ति।
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चीन, हांगकांग और साउथ कोरिया जैसे बाजार अपेक्षाकृत सस्ते और आकर्षक लग रहे हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी. के. विजयकुमार का कहना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की लगातार खरीदारी के चलते FPI उच्च स्तर पर एग्जिट लेकर दूसरे बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।
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आगे क्या होगा?
एंजल वन के वरिष्ठ विश्लेषक वकार जावेद खान का कहना है कि आने वाले दिनों में FPI का मूड इन कारकों पर निर्भर करेगा:
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अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली नीति
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अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़े
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ब्याज दर नीति
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रुपये की स्थिरता

क्या कहते हैं अन्य एक्सपर्ट्स?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट्स के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि फिलहाल अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन भारत की तेज ग्रोथ, GST सुधार और कंपनियों की मजबूत आय से दीर्घकाल में विदेशी निवेशक वापस लौट सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में FPI ने ऋण बाजार में ₹1,978 करोड़ का निवेश किया, जबकि स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से ₹993 करोड़ निकाले।
निष्कर्ष
फिलहाल विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार से दूरी बना रहे हैं, लेकिन लंबे समय में भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद और सुधारों के चलते उनके वापस लौटने की उम्मीद है।

