
Coal Scam Chhattisgarh -सौम्या चौरसिया, रानू साहू समेत छह आरोपी अब कल होंगे रिहा: रिहाई आदेश देरी से पहुंचा, एक और रात जेल में बितानी पड़ी
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला और डीएमएफ घोटाला मामले में फंसे सौम्या चौरसिया, रानू साहू समेत 6 आरोपी अब 31 मई को रिहा होंगे। सभी को आज ही जेल से रिहा किया जाना था, लेकिन रिहाई आदेश 15 मिनट की देरी से रायपुर जेल पहुंचा। इस कारण सभी आरोपियों को एक और रात जेल में बितानी पड़ी।
इन सभी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इनकी याचिकाओं पर सुनवाई कर सशर्त राहत दी है। कोर्ट ने आरोपियों पर यह शर्त लगाई है कि वे छत्तीसगढ़ में तब तक नहीं रहेंगे जब तक अगला आदेश न आए। सभी रिहाई के तुरंत बाद राज्य से बाहर रवाना होंगे।
🔹 रिहा होने वाले आरोपी:
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सौम्या चौरसिया (पूर्व सीएम उपसचिव)
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रानू साहू (निलंबित IAS अधिकारी)
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समीर विश्नोई (IAS अधिकारी)
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रजनीकांत तिवारी
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वीरेंद्र जायसवाल
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संदीप नायक
🔹 कोर्ट की सख्त शर्तें:
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी आरोपी:
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रिहाई के एक सप्ताह के भीतर अपने निवास स्थान की जानकारी संबंधित थाने में देंगे।
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अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करेंगे।
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जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे और जरूरत पड़ने पर कोर्ट या जांच एजेंसियों के सामने उपस्थित होंगे।
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कोयला घोटाले का पूरा मामला:
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन और परमिट सिस्टम के जरिए करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई।
ईडी के आरोप:
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ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन में बदलकर कोल ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली की गई।
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जुलाई 2020 में खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई द्वारा इस व्यवस्था में बदलाव किया गया।
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कोयला व्यापारियों से प्रति टन ₹25 की दर से वसूली की जाती थी।
मास्टरमाइंड कौन?
ईडी ने कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को इस घोटाले का किंगपिन बताया है। आरोप है कि वही पूरा सिंडिकेट चला रहा था। व्यापारी यदि सूर्यकांत के लोगों को वसूली की रकम नहीं देते, तो उन्हें पीट पास और ट्रांसपोर्ट परमिट नहीं मिलता था।
गिरफ्तार आरोपी:
इस मामले में पहले समीर विश्नोई को और बाद में सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा सौम्या चौरसिया, रानू साहू, संदीप नायक, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, और अन्य कई आरोपी फिलहाल जेल में हैं।
36 लोगों पर FIR, दो पूर्व मंत्री भी शामिल:
EOW और ACB की संयुक्त जांच में दो पूर्व मंत्री, कुछ विधायक, व्यापारी और अधिकारी समेत कुल 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है। जांच एजेंसी अब इस मामले में तेजी से आगे बढ़ रही है।
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