
Solar Storm Impact- 14,000 साल पुराने भीषण सौर तूफान के निशान आज भी मौजूद, क्या आज की पृथ्वी इस झटके को सह पाएगी?
विज्ञान की दुनिया में एक चौंकाने वाली खोज सामने आई है। वैज्ञानिकों ने लगभग 14,000 साल पहले आए एक बेहद शक्तिशाली सौर तूफान (Solar Storm) के प्रमाण प्राप्त किए हैं। यह तूफान इतना तीव्र था कि इसके निशान आज भी पेड़ों की लकड़ी की रिंग्स (Tree Rings) में दर्ज हैं। यह तूफान वर्ष 12,350 ईसा पूर्व आया था और इसे अब तक रिकॉर्ड किए गए सभी सौर तूफानों में सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है।
अगर आज ऐसा सौर तूफान आता, तो यह हमारे उपग्रहों, इंटरनेट सिस्टम, बिजली ग्रिड और संचार व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर सकता था। वैज्ञानिकों ने इस घटना को “मियाके इवेंट” (Miyake Event) नाम दिया है।
कैरिंगटन इवेंट से भी अधिक विनाशकारी था यह तूफान
इतिहास में सबसे प्रसिद्ध सौर तूफान माना जाने वाला 1859 का कैरिंगटन इवेंट, इस मियाके इवेंट की तुलना में काफी कमजोर प्रतीत होता है। वैज्ञानिकों को इस प्रकार के तूफानों के प्रमाण कार्बन-14 (Carbon-14) जैसे रेडियोएक्टिव तत्वों के स्तर में बदलाव से मिलते हैं, जो सूरज से निकलने वाले ऊर्जावान कणों के वायुमंडल से टकराने पर उत्पन्न होते हैं।
पूरी दुनिया पर पड़ा था असर
2012 में जापानी वैज्ञानिक फुसा मियाके ने इस प्रकार की घटनाओं की खोज की शुरुआत की थी। अब तक कम से कम छह मियाके इवेंट्स का पता लगाया जा चुका है, जिनमें 774 ईस्वी और 993 ईस्वी के सौर तूफान भी शामिल हैं। लेकिन 12,350 ईसा पूर्व का यह तूफान सबसे शक्तिशाली और अनोखा था।
इस तूफान के असर का प्रमाण फ्रांस की Drouzet नदी के किनारे पाए गए Scots Pine पेड़ों की रिंग्स में मिले कार्बन-14 के अत्यधिक स्तर से मिला, जिसे ग्रीनलैंड की बर्फ की परतों में पाए गए बेरीलियम-10 के स्तर से भी पुष्ट किया गया।
वैज्ञानिकों ने तैयार किया विशेष क्लाइमेट मॉडल
यह तूफान आइस एज (Ice Age) के दौरान आया था, जब धरती की जलवायु और वातावरण आज की तुलना में बिल्कुल भिन्न था। ऐसे में इसे समझना आसान नहीं था। इस चुनौती को सुलझाने के लिए फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओउलू के वैज्ञानिक Kseniia Golubenko और Ilya Usoskin ने एक विशेष “केमिस्ट्री-क्लाइमेट मॉडल” विकसित किया, जो उस समय के समुद्र तल, बर्फ की सीमा और धरती के चुंबकीय क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण तत्वों को ध्यान में रखकर विश्लेषण करने में सक्षम था।
अब तक के रिकॉर्ड किए गए सबसे बड़े तूफान से 500 गुना शक्तिशाली
इस विश्लेषण से यह सामने आया कि 12,350 ईसा पूर्व का यह सौर तूफान 2005 में आए अब तक के सबसे बड़े रिकॉर्ड किए गए तूफान से करीब 500 गुना अधिक शक्तिशाली था। यदि ऐसा तूफान आज की तकनीकी दुनिया पर प्रहार करता, तो यह संपूर्ण वैश्विक प्रणाली को ठप कर सकता था।
इसलिए, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार के प्राचीन खगोलीय तूफानों को समझना न सिर्फ इतिहास के लिए बल्कि भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है।