
Shubman Gill vs Virat Kohli: शुभमन गिल की विराट कोहली से तुलना क्या यह उचित है?
शुभमन गिल को इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम की कमान सौंपना क्रिकेट प्रेमियों के बीच बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग उनकी तुलना विराट कोहली से कर रहे हैं, जिन्होंने 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के अचानक संन्यास के बाद टीम की कमान संभाली थी। हालांकि यह तुलना सीधी नहीं हो सकती, लेकिन इसमें कुछ दिलचस्प समानताएं ज़रूर हैं।
जब कोहली को कप्तानी मिली थी, तब उन्होंने 29 टेस्ट में 1855 रन बनाए थे, जिनमें 6 शतक और 9 अर्द्धशतक शामिल थे। उनका औसत 39.46 था और उम्र मात्र 26 साल। वहीं गिल अब तक 32 टेस्ट खेल चुके हैं और 1893 रन बना चुके हैं, जिनमें 5 शतक और 7 अर्द्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 35.05 है। उम्र के मामले में गिल 25 साल और 285 दिन के हैं।
गिल भारतीय टेस्ट इतिहास में सबसे युवा कप्तानों में शामिल होंगे — टाइगर पटौदी, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव और रवि शास्त्री के बाद। ऐसे में सवाल उठता है — क्या गिल भी कोहली की तरह भारत को एक नई दिशा दे पाएंगे?
गिल की खासियत और नेतृत्व की संभावना
गिल का स्वभाव कोहली की आक्रामकता और रोहित शर्मा की सहजता के बीच संतुलित लगता है। उनकी कप्तानी में संयम, शांत दिमाग और आत्मविश्वास की झलक मिलती है। गुजरात टाइटंस के कप्तान के तौर पर IPL में उन्होंने यह साबित भी किया है कि नेतृत्व की जिम्मेदारी उनके खेल पर नकारात्मक असर नहीं डालती।
चयन समिति के प्रमुख अजीत अगरकर ने साफ किया है कि गिल को केवल एक दौरे के लिए कप्तान नहीं चुना गया, बल्कि भविष्य के लिए एक निवेश के रूप में देखा जा रहा है। इंग्लैंड दौरे के साथ ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हो रही है, जो गिल की कप्तानी के लिए अग्निपरीक्षा बन सकती है।
इंग्लैंड में गिल का प्रदर्शन और चुनौतियां
गिल का इंग्लैंड में अब तक का प्रदर्शन खास नहीं रहा है। छह पारियों में उनका औसत केवल 14.66 रहा है। वहीं केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों ने वहां बेहतर आंकड़े दिए हैं। ऐसे में गिल के लिए चुनौती बड़ी है — खुद को बल्लेबाज और कप्तान, दोनों रूपों में साबित करना।
पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का भी मानना है कि गिल को पहले बल्लेबाज के रूप में मजबूत बनना होगा। उन्हें कम से कम 10 पारियों में स्थायित्व दिखाना होगा ताकि वे कप्तान के तौर पर अपनी जगह पक्की कर सकें।
कोच गौतम गंभीर और तालमेल की अहमियत
गिल की अग्निपरीक्षा सिर्फ प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें नए कोच गौतम गंभीर के साथ भी तालमेल बनाना होगा। गंभीर के मैनेजमेंट स्टाइल और निर्णय लेने की प्रक्रिया को गिल ने पिछले कुछ सीरीज़ में देखा है, लेकिन अब उन्हें खुद इस साझेदारी को संभालना होगा क्योंकि मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे अभिषेक नायर अब टीम में नहीं हैं।
गिल बनाम कोहली: समानताएं और अंतर
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी कप्तानी से भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। उन्होंने दिखाया कि नेतृत्व सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, आक्रामक सोच और सामूहिक प्रदर्शन को प्रेरित करने का नाम है। गिल इस दिशा में अपने सफर की शुरुआत कर रहे हैं। उनकी शांत स्वभाव और तकनीकी परिपक्वता उन्हें भविष्य का लीडर बना सकती है।
निष्कर्ष: क्या गिल अगला कोहली बन सकते हैं?
शुभमन गिल के पास वह मंच है, जहां से वे खुद को एक सफल कप्तान के रूप में स्थापित कर सकते हैं। इंग्लैंड दौरा उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। इस समय भारतीय क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रही है और ऐसे में गिल एक स्थिर नेतृत्व का चेहरा बन सकते हैं — ठीक वैसे ही जैसे 2014 में विराट कोहली बने थे।
फिलहाल, गिल की अग्निपरीक्षा शुरू हो चुकी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इस चुनौती को अवसर में बदल पाएंगे।
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