
शरबत जिहाद केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बाबा रामदेव पर तीखी टिप्पणी की। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं हैं और वे अपनी ही दुनिया में जीते हैं। यह टिप्पणी उस समय आई जब बाबा रामदेव ने हमदर्द कंपनी का नाम लिए बिना रूह अफजा शरबत को ‘शरबत जिहाद’ कहा था, जिससे विवाद उठ गया था।
जस्टिस बंसल ने कहा, “पिछले आदेश के मद्देनजर उनका हलफनामा (एफिडेविट) और वीडियो प्रथम दृष्टया अवमानना के अंतर्गत आते हैं। मैं अब अवमानना नोटिस जारी करूंगा। हम उन्हें यहां बुला रहे हैं।” कोर्ट ने यह भी बताया कि रामदेव ने नया वीडियो जारी किया था, जिसमें हमदर्द के खिलाफ टिप्पणी की गई थी।
रामदेव के वकील की सफाई
रामदेव के वकील ने कोर्ट को बताया कि वे अपने ताजा वीडियो से आपत्तिजनक हिस्सा हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 24 घंटे के भीतर हटा देंगे। इसके बाद कोर्ट ने रामदेव से कहा कि वे एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करें, जिसमें इस आदेश का पालन किया गया हो।
कोर्ट अब 2 मई को फिर से इस मामले की सुनवाई करेगा और देखेगा कि क्या पूर्व आदेश का पालन हुआ है या नहीं।
बाबा रामदेव और हमदर्द के बीच विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बाबा रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग के दौरान एक वीडियो पोस्ट किया था। उन्होंने दावा किया कि एक कंपनी शरबत बनाती है, और उस शरबत से प्राप्त धन से मदरसे और मस्जिदें बनवायी जाती हैं। उन्होंने इसे ‘शरबत जिहाद’ का नाम दिया, जो बाद में विवाद का कारण बना।
इस बयान के खिलाफ हमदर्द कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कंपनी के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि रामदेव का बयान धर्म के नाम पर हमला था और यह ‘हेट स्पीच’ जैसा था। उन्होंने यह भी कहा कि रामदेव का बयान धार्मिक बंटवारे को बढ़ावा देता है।
रामदेव के बयानों में विवाद
रामदेव ने 3 अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लॉन्चिंग के दौरान कहा था, “अगर आप यह शरबत पिएंगे, तो मदरसे और मस्जिदें बनेंगी।” वहीं, 12 अप्रैल को उन्होंने एक और वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल सत्य बोलने की कोशिश की, लेकिन उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का बयान
इस विवाद के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, “रामदेव को शरबत का प्रचार करने का पूरा अधिकार है, लेकिन वह रूह अफजा को जिहाद से न जोड़ें।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई उन्हें ‘योग जिहाद’ या ‘गुरु जिहाद’ कहे तो उन्हें कैसा लगेगा।