
SBI Report : आरबीआई के रिकॉर्ड लाभांश से राजकोषीय घाटा घटकर 4.2% हो सकता है, सरकार को मिलेगा आर्थिक संबल
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को दिए गए 2.69 लाख करोड़ रुपये के बंपर लाभांश से न केवल राजकोषीय घाटे में कमी आएगी, बल्कि विकास खर्च को भी बल मिलेगा। वर्तमान में देश का राजकोषीय घाटा 4.5% है, जिसे अब 4.2% तक घटने की संभावना जताई गई है।
राजकोषीय घाटे में 20-30 आधार अंकों की कमी की संभावना
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, इस लाभांश के कारण सरकार के कुल घाटे में 20 से 30 आधार अंकों (basis points) तक की गिरावट हो सकती है। इससे GDP के अनुपात में घाटा 4.2% पर आ सकता है। यह देश के आर्थिक संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
सरकार की वित्तीय स्थिति होगी मजबूत
2025-26 के केंद्रीय बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से लगभग 2.56 लाख करोड़ रुपये के लाभांश की उम्मीद की गई थी, लेकिन RBI ने इससे कहीं अधिक राशि सरकार को दी है। यह अतिरिक्त राजस्व न केवल राजकोषीय घाटे को कम करने में सहायक होगा, बल्कि सरकार को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अधिक खर्च करने की सुविधा भी देगा।
बॉन्ड मार्केट में स्थिरता और वित्तीय लचीलापन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बंपर लाभांश से सरकार की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी और यह वैश्विक अस्थिरताओं के बीच बॉन्ड यील्ड कर्व को संतुलित करने में मदद करेगा। इसके साथ-साथ, RBI के आकस्मिक जोखिम बफर (Contingency Risk Buffer) को बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र वित्तीय लचीलापन में सुधार होगा।
RBI के सरप्लस के पीछे की आर्थिक गतिविधियां
SBI रिपोर्ट के अनुसार, RBI का बड़ा सरप्लस उसके तरलता समायोजन सुविधा (LAF) संचालन और घरेलू व विदेशी प्रतिभूतियों से प्राप्त ब्याज आय के कारण संभव हुआ है। इससे केंद्र सरकार को असाधारण राजस्व प्राप्त हुआ है, जिससे बजटीय संतुलन को बनाए रखना आसान हो सकेगा।
बैंकिंग प्रणाली में बढ़ी तरलता
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 के अंत तक RBI ने बैंकिंग सिस्टम में धन डालना शुरू कर दिया। 1 मार्च 2025 तक बैंकिंग प्रणाली की तरलता फिर से सरप्लस में आकर 1.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। हालांकि 16 दिसंबर 2024 से 28 मार्च 2025 के बीच औसत तरलता घाटा 1.7 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2026 में भी बनी रह सकती है स्थायी तरलता सरप्लस
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2026 में स्थायी तरलता सरप्लस बना रह सकता है। इसका श्रेय OMOs (Open Market Operations) की खरीद, RBI के लाभांश हस्तांतरण और 25-30 अरब डॉलर के अनुमानित भुगतान संतुलन (BoP) सरप्लस को दिया जा रहा है।
विकास और राजकोषीय लक्ष्यों की ओर सकारात्मक कदम
SBI की रिपोर्ट यह संकेत देती है कि सरकार RBI के इस अभूतपूर्व लाभांश का उपयोग अपने राजकोषीय लक्ष्यों को समय से पहले हासिल करने और विकास पर आधारित खर्चों में इजाफा करने के लिए कर सकती है। यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
Source -Amar Ujala
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