
RCB Wins Ipl Final
RCB Wins Ipl Final -9 साल बाद फाइनल में पहुंची RCB कैसे बनी IPL चैंपियन
9 साल के लंबे इंतजार के बाद, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आखिरकार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का पहला खिताब जीत लिया। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल में RCB ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर इतिहास रच दिया और PBKS के पहले खिताब के सपने को और लंबा कर दिया।
इस शानदार जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई कप्तान रजत पाटीदार ने, जिन्होंने अपने कप्तानी डेब्यू में टीम को घर से बाहर हर मैच में जीत दिलाई। इस सीजन में RCB ने कुल 11 मुकाबले जीते, जिनमें से 9 अलग-अलग खिलाड़ी “प्लेयर ऑफ द मैच” बने। यह दिखाता है कि RCB की जीत केवल बड़े नामों पर नहीं, बल्कि एक संतुलित टीम और रणनीतिक योजना पर आधारित थी।

RCB की मेगा ऑक्शन से बनी विनिंग स्ट्रैटेजी
RCB की रणनीति IPL मेगा ऑक्शन से पहले ही तय हो चुकी थी। मेंटॉर दिनेश कार्तिक, डायरेक्टर मो बोबत और कोच एंडी फ्लॉवर की टीम ने खिलाड़ियों का चयन हर रोल के हिसाब से किया। ओपनिंग, मिडिल ऑर्डर, फिनिशर, स्पिन, पावरप्ले और डेथ ओवर्स—हर एक डिपार्टमेंट के लिए बेस्ट और सेकेंड-बेस्ट विकल्प खरीदे गए।
टीम ने इस बार विराट कोहली को छोड़कर कोई बड़ा नाम रिटेन नहीं किया और रोल-बेस्ड चयन पर फोकस किया। इसका फायदा यह हुआ कि टीम संतुलित बनी और सभी विभागों में मजबूत नजर आई।
बल्लेबाजों का विस्फोटक प्रदर्शन
RCB की बैटिंग लाइनअप ने 11 बल्लेबाजों को आजमाया, जिनमें से 5 का स्ट्राइक रेट 170+ रहा। रोमारियो शेफर्ड, टिम डेविड, जितेश शर्मा, जैकब बेथेल और फिल सॉल्ट जैसे खिलाड़ी लगातार अटैकिंग खेल खेलते रहे।
विराट कोहली ने इस सीजन 657 रन बनाए और टॉप स्कोरर रहे। फिल सॉल्ट ने 403 रन, देवदत्त पडिक्कल ने 247 और रजत पाटीदार ने 312 रन बनाए। नतीजतन, लोअर मिडिल ऑर्डर पर कभी भी दबाव नहीं आया।
फिनिशिंग की जिम्मेदारी जब भी आई, जितेश, डेविड और शेफर्ड ने टीम को जीत दिलाई। खासतौर पर लीग के आखिरी मैच में जितेश ने 33 गेंदों में 85 रन की विस्फोटक पारी खेली थी।
गेंदबाजी में भी दमदार प्रदर्शन
RCB की गेंदबाजी यूनिट ने निरंतरता दिखाई। जोश हेजलवुड (22 विकेट), भुवनेश्वर कुमार, यश दयाल, क्रुणाल पंड्या और सुयश शर्मा की गेंदबाजी शानदार रही। स्पिनर्स ने मिलकर 25 विकेट निकाले और 8.5 से कम की इकोनॉमी रखी।
शेफर्ड ने फाइनल में श्रेयस अय्यर का विकेट लेकर गेम का पासा पलट दिया। टीम के तेज गेंदबाजों ने 64 विकेट झटके, जो पूरे टूर्नामेंट में तीसरे नंबर पर रहा।
RCB के 9 मैच विनिंग हीरोज
RCB के खिताबी सफर में 9 अलग-अलग खिलाड़ी “प्लेयर ऑफ द मैच” बने। टिम डेविड को तो हार के बावजूद यह अवॉर्ड मिला क्योंकि उन्होंने मुश्किल पिच पर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था।
क्रुणाल पंड्या 3 बार अवॉर्ड जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी बने। कप्तान रजत पाटीदार ने मुंबई और चेन्नई के खिलाफ 2 अवॉर्ड जीते। कुल 9 खिलाड़ियों ने इस सीजन अपने दम पर टीम को मैच जिताए।
घरेलू मैदान से बाहर जीत का परचम
RCB ने अपने 15 में से 10 मुकाबले घर से बाहर खेले, जिनमें से 9 में जीत हासिल की। केवल एक मैच—सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ लखनऊ में—टीम हारी।
रजत पाटीदार की कप्तानी में टीम ने सभी 8 घरेलू मैदान से बाहर के मैच जीते, जिनमें क्वालिफायर-1 और फाइनल भी शामिल हैं। घरेलू मैदान चिन्नास्वामी में टीम को बारिश और तनाव के कारण सिर्फ कुछ मैच मिले और उनमें भी हार झेलनी पड़ी।
3 फाइनल के बाद पहली जीत
RCB 2009, 2011 और 2016 में तीन बार फाइनल हार चुकी थी, लेकिन इस बार किस्मत ने साथ दिया। अहमदाबाद की बैटिंग फ्रेंडली पिच पर टीम ने 190 रन बनाए, जो पार स्कोर से थोड़ा कम था। फिर भी, गेंदबाजों ने पंजाब को 184 पर रोककर जीत दिलाई।
RCB ने पहली बार फाइनल में पहले बैटिंग की और टारगेट डिफेंड कर ट्रॉफी अपने नाम की। इससे पहले के तीन फाइनल चेज करते हुए गंवाए गए थे।
कोहली ने दिखाया समर्पण

विराट कोहली ने कभी RCB का साथ नहीं छोड़ा, और टीम ने भी उन्हें रिटेन किया। फाइनल में उन्होंने 43 रन की धीमी लेकिन महत्वपूर्ण पारी खेली। उनकी इस पारी ने बाकी बल्लेबाजों को खुलकर खेलने की आजादी दी।
जब पंजाब का पहला विकेट गिरा, कोहली के जश्न ने साफ कर दिया कि वह अंत तक उम्मीद नहीं छोड़ने वाले खिलाड़ी हैं। आखिरी ओवर में 29 रन डिफेंड करने के बाद जब जीत मिली, तो कोहली के जज्बे की तस्वीरें वायरल हो गईं।
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