RBI on Repo Rate: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि रेपो रेट को 5.5% पर ही रखा जाएगा। अगस्त 2025 के बाद लगातार दूसरी बार RBI ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।
RBI का रेपो रेट पर फैसला: क्यों है अहम?
वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता और टैरिफ टेंशन बढ़ रही है।
घरेलू स्तर पर GST रिफॉर्म, महंगाई नियंत्रण और निवेश सबसे बड़े मुद्दे हैं।
बाजार की उम्मीद थी कि RBI सतर्क रुख अपनाएगा और वही हुआ।
लोन और EMI वालों पर असर
रेपो रेट स्थिर रहने से:
होम लोन और ऑटो लोन की EMI में कोई बदलाव नहीं होगा।
लोन लेने वालों को फिलहाल न तो राहत मिलेगी और न ही अतिरिक्त बोझ।
बैंकों के लिए भी उधारी की लागत जस की तस रहेगी।
निवेशकों और मार्केट पर प्रभाव
शेयर बाजार व बॉन्ड मार्केट पर स्थिरता का संकेत।
रुपया (INR) की चाल पर भी RBI का यह फैसला असर डालेगा।
विदेशी निवेशकों (FII) के लिए यह संकेत है कि RBI सतर्कता से आगे बढ़ रहा है।
रेपो रेट स्थिर रहने का क्या मतलब?
लोन डिमांड बनी रहेगी।
ब्याज दरें न बढ़ने से रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को राहत।
निवेशक फिलहाल स्थिर माहौल की उम्मीद कर सकते हैं।
लेकिन, वैश्विक अनिश्चितताओं और महंगाई का दबाव बरकरार रहेगा।
