
राणा सांगा विवाद: रामजी लाल सुमन का बयान और करणी सेना का आक्रोश: हमले, धमकियाँ और कानूनी कार्रवाई की मांग
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को सदन में एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा—
“हर बात में BJP के लोगों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का DNA है। जबकि भारत के मुसलमान बाबर को नहीं, बल्कि मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपरा को मानते हैं। बाबर को किसने बुलाया, ये सवाल भी उठना चाहिए। इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को बुलाने वाला राणा सांगा था। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो राणा सांगा की औलादों को क्या कहा जाए?”
इस बयान के बाद, राज्यसभा की कार्यवाही से यह टिप्पणी हटा दी गई, लेकिन यह मामला यहीं शांत नहीं हुआ। क्षत्रिय करणी सेना ने तीव्र प्रतिक्रिया दी और सांसद को अपने निशाने पर ले लिया।
घर और काफिले पर हमले
बयान के कुछ दिनों बाद, 26 मार्च को आगरा स्थित सुमन के आवास पर हमला किया गया। एक महीने बाद 27 अप्रैल को अलीगढ़ में उनके काफिले को निशाना बनाया गया। अलीगढ़ की घटना में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन आगरा के हमले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
सुमन ने आरोप लगाया कि—
“हमारे काफिले पर पेट्रोल डालकर हमला किया गया, गाड़ियों के शीशे तोड़े गए। ये हमला एक सोची-समझी साजिश थी।”
एक और बयान और नई प्रतिक्रिया
14 अप्रैल को उन्होंने एक और बयान दिया:
“अगर हर मस्जिद के नीचे मंदिर होने की बात करोगे, तो फिर हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ की बात भी कही जाएगी। पुरानी बातों को न छेड़ो, वरना गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”
इसके बाद उन्हें सिर काटने, गोली मारने और जीभ काटने जैसी धमकियाँ मिलने लगीं। उन्होंने बताया कि 12 अप्रैल को करणी सेना की एक सभा में खुलेआम हथियार लहराए गए, जबकि प्रशासन की अनुमति की शर्तों के अनुसार यह प्रतिबंधित था।
परिवार पर असर और सुरक्षा की कमी
सुमन ने कहा कि इन धमकियों का असर उनके परिवार पर भी पड़ा है, और पुलिस उन्हें कई आयोजनों में शामिल होने से रोक रही है, यह कहते हुए कि तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने उपराष्ट्रपति, गृहमंत्री, DGP और पुलिस आयुक्त से सुरक्षा की मांग की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
करणी सेना के संस्थापक की प्रतिक्रिया
करणी सेना के संस्थापक राज शेखावत ने कहा:
“अब माफी नहीं, सजा दी जाएगी। चाहे फांसी हो जाए, लेकिन हम हड्डी तोड़ जवाब देंगे।”
उन्होंने कहा कि—
“हमने कानून अपने हाथ में लिया, क्योंकि हमारे पूर्वजों का अपमान हम सहन नहीं कर सकते।”
पुलिस की स्थिति
अलीगढ़ के सिटी एसपी मृगांक शेखर ने बताया कि 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और अन्य की पहचान की जा रही है। पुलिस के अनुसार हमला योजनाबद्ध था, और स्थानीय गेस्ट हाउस व दुकानों से हमलावर एकत्र हुए थे।
घटना में गभाना थाने के SHO के खिलाफ विभागीय जांच, और एक सिपाही सहित चौकी प्रभारी को सस्पेंड किया गया है।
हरिपर्वत थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन घर पर हमले में एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई।
हाईकोर्ट में याचिका और सुनवाई
रामजी लाल सुमन ने परिवार की सुरक्षा और स्वतंत्र जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दी। 30 अप्रैल को इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से तीन हफ्तों में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
सुमन के विरोध में प्रदर्शन
2 मई को आगरा के खेरागढ़ में करणी सेना के सदस्यों ने उनका काफिला रोक कर नारेबाजी की। कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
इतिहासकार की राय
ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी, कनाडा में इतिहास के शोधकर्ता मणिमुग्धा शर्मा के अनुसार,
“बाबर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि राणा सांगा का एक दूत उनसे मिला था और दिल्ली जीतने का निमंत्रण दिया था। लेकिन उन्हें ‘गद्दार’ कहना गलत है। उस समय की राजनीतिक स्थितियों को आज की नजरों से नहीं देख सकते।”
उनका मानना है कि राणा सांगा ने सिर्फ अपने राज्य के विस्तार के लिए रणनीतिक गठबंधन किया था, जैसा उस समय के सभी शासक करते थे।
पार्टी का समर्थन
समाजवादी पार्टी ने रामजी लाल सुमन का समर्थन किया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा—
“ये घटना उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। कुछ लोगों को सत्ता की खुली छूट मिली हुई है, क्योंकि सत्ता में बैठे लोग उन्हीं के स्वजातीय हैं।”