
भारतमाला परियोजना- छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने शनिवार को भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से निर्माण की गुणवत्ता और प्रोजेक्ट की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
साइट निरीक्षण
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अभनपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और बाद में ग्राम पंचायत भेलवाडीह के पास पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क निर्माण के कार्य की स्थिति के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सभी मानकों के अनुसार काम चल रहा है।
अरुण साव का बयान
अरुण साव ने निरीक्षण के बाद कहा कि यह परियोजना भारत सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जिससे प्रदेश की जनता को लाभ मिलेगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से विशाखापट्टनम जाने की दूरी कम हो जाएगी और यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा साबित होगा।
रायपुर से विशाखापट्टनम तक एक्सप्रेस-वे
रायपुर से विशाखापट्टनम तक 464 किमी लंबा 6 लेन का एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से छत्तीसगढ़ से ओडिशा होते हुए आंध्र प्रदेश पहुंचा जा सकेगा। यह मार्ग छत्तीसगढ़ के धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरापुट और सब्बावरम जैसे शहरों को जोड़ेगा।
भारतमाला प्रोजेक्ट मुआवजा घोटाला
भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजा वितरण में हुई अनियमितताओं की जांच की जा रही है। EOW ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उमा देवी तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन और हरमीत खनूजा शामिल हैं। खनूजा को 9 मई तक कस्टोडियल रिमांड पर भेजा गया है। बाकी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। EOW की टीम अब उन अधिकारियों की तलाश कर रही है, जिनका इस घोटाले में हाथ था।
EOW की छापेमारी
25 अप्रैल को EOW ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक शामिल थे। इन अधिकारियों के ठिकानों पर दस्तावेजों की जांच की गई और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए।
भारतमाला परियोजना क्या है?
भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास योजना है, जिसे भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है। इसके तहत नए राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है, और उन अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाएगा जो पहले से लंबित थे। रायपुर से विशाखापट्टनम तक 463 किमी लंबी फोरलेन सड़क इसी परियोजना के तहत बनाई जा रही है।
घोटाला कैसे हुआ?
भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण के मामले में 43 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। भूमि को छोटे टुकड़ों में बांटकर और नए नाम जोड़कर NHAI को 78 करोड़ रुपये का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज तैयार कर घोटाले को अंजाम दिया।
जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटा, मुआवजा बढ़ाया
जमीन के मुआवजा में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। राजस्व विभाग के अनुसार, मुआवजा 29.5 करोड़ रुपये था, लेकिन भूमाफिया ने इसे 78 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया। उन्होंने जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटकर और 80 नए नाम जोड़कर मुआवजा राशि बढ़ा दी।
NHAI की आपत्ति और मुआवजा वितरण की रोक
NHAI ने इस मुआवजा घोटाले पर आपत्ति जताई थी, और इस पर जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग को भेजी गई थी। इसके बाद मुआवजा वितरण को रोक दिया गया था।