
Raipur Skywalk : रायपुर में स्काई-वॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर शुरू होने जा रहा है। लंबे समय से अधूरे पड़े इस चर्चित और विवादों में घिरे प्रोजेक्ट को लेकर लोक निर्माण विभाग (PWD) ने जरूरी फंड स्वीकृत कर दिए हैं। लगभग आठ वर्षों से अधूरे ढांचे को पूरा करने की दिशा में PWD ने टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की थी।
अब इस कार्य के लिए ₹37.75 करोड़ की राशि स्वीकृत हो गई है। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे इस स्काई वॉक में यात्रियों की सुविधा के लिए 12 स्थानों पर एस्केलेटर लगाए जाएंगे। साथ ही, इन बिंदुओं पर सीढ़ियों का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, दो अलग-अलग स्थानों पर अतिरिक्त सीढ़ियाँ भी बनाई जाएंगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार, यह कार्य पीएसएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर को सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि यह प्रोजेक्ट पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय अधूरा रह गया था और तब से इसे लेकर लगातार राजनीतिक खींचतान और असहमति बनी रही।
अब भाजपा सरकार ने इस परियोजना को दोबारा आरंभ करने की घोषणा करते हुए बजट की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। परियोजना की कुल लागत ₹37,75,70,682 बताई गई है, जो पहले के अनुमानों की तुलना में 20.17% अधिक है।
इस बार परियोजना की गुणवत्ता, डिज़ाइन और पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश भी विभाग द्वारा दिए गए हैं। आदेश के तहत कार्य जल्द शुरू करने और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण करने को कहा गया है।
स्काई-वॉक परियोजना की शुरुआत कब हुई थी?
इस बहुप्रतीक्षित परियोजना की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। इसका उद्देश्य था कि रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक और जय स्तंभ चौक जैसे व्यस्त स्थानों में पैदल यात्रियों को यातायात से निजात मिले और रायपुर को एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित किया जा सके। हालांकि निर्माण के दौरान कई तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण यह काम रुक गया।
स्काई-वॉक के पूरा होने पर क्या बदलाव आएंगे?
अंबेडकर अस्पताल के मरीज बिना ट्रैफिक में फंसे सीधे डीकेएस अस्पताल पहुंच सकेंगे, क्योंकि इन दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट का निर्माण प्रस्तावित है। स्काई वॉक का एक छोर सीधे डीकेएस अस्पताल परिसर में उतरेगा।
शास्त्री चौक की ओर एक रोटरी बनाई जाएगी, जिससे पैदल यात्री चौक के किसी भी भाग से स्काई वॉक पर चढ़-उतर सकें। कई स्थानों पर पहले से गर्डर तक का काम पूरा हो चुका है। अब इस पर फ्लोरिंग डालकर आरसीसी स्लैब, टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी।
धूप और बारिश से बचाव के लिए स्काई वॉक के ऊपरी हिस्से में पॉली-कार्बोनेट शीट लगाई जाएगी। इस क्षेत्र में स्थित सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में आने-जाने वालों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
वर्षों पहले कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, शास्त्री चौक के चारों ओर प्रतिदिन लगभग 40,000 से अधिक लोग पैदल चलते हैं। ऐसे में यह परियोजना आमजन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
वर्तमान में स्काई-वॉक की स्थिति कैसी है?
जय स्तंभ चौक से शास्त्री चौक और अंबेडकर अस्पताल के गेट तक स्काई वॉक का ढांचा तैयार है। लोक निर्माण विभाग की जांच में सामने आया है कि ब्रिज से कई स्थानों पर एसीपी शीट, एल्यूमिनियम फ्रेम और डिवाइडर रेलिंग चोरी हो चुके हैं।
हालांकि, स्काई वॉक में इस्तेमाल किए गए स्टील और नट-बोल्ट संरचनात्मक रूप से सुरक्षित हैं। मगर वेल्डिंग, पेंटिंग, फ्लोरिंग, हुड और फ्लोर फिक्सिंग का कार्य अभी अधूरा है। खुले में होने के कारण, बारिश और धूप के असर से कई हिस्सों में जंग लगना भी शुरू हो गया है।