Raipur police quarters -बल्लियों के सहारे टिके जर्जर पुलिस क्वार्टर – हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की जान पर संकट मंडरा रहा है। आमानाका स्थित पुलिस क्वार्टर 34 साल पुराने हो चुके हैं और इनकी हालत इतनी जर्जर है कि छत और सीढ़ियां बल्लियों के सहारे खड़ी हैं। इन मकानों में करीब 20 पुलिस परिवार रह रहे हैं।
नगर निगम पहले ही इन मकानों को खतरनाक घोषित कर चुका है, लेकिन न तो इन्हें खाली कराया गया और न ही ध्वस्त किया गया।
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
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चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले पर गंभीर चिंता जताई।
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कोर्ट ने पुलिस परिवारों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने के निर्देश दिए।
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पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी को 17 सितंबर तक शपथपत्र सहित जवाब पेश करने का आदेश दिया गया है।
24 जर्जर मकानों में रह रहे परिवार

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कुल 24 मकान पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं।
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सीढ़ियां और छत टूटकर गिर चुकी हैं।
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पहली मंजिल तक जाने वाली सीढ़ियां बल्लियों के सहारे खड़ी हैं।
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कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल स्तर के पुलिसकर्मी और उनके परिवार इस खतरनाक माहौल में रह रहे हैं।
6 साल से अधर में नई आवास योजना
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मरम्मत के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं।
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पुलिस कर्मियों के लिए 400 करोड़ रुपये की नई आवास योजना बनाई गई है।
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लेकिन बीते 6 साल से कोई ठोस काम शुरू नहीं हुआ।
👉 निष्कर्ष:
रायपुर के पुलिस क्वार्टरों की स्थिति बेहद खतरनाक है। हाईकोर्ट का हस्तक्षेप पुलिस परिवारों की सुरक्षा के लिहाज से अहम कदम साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें 17 सितंबर की सुनवाई और पुलिस हाउसिंग बोर्ड के जवाब पर टिकी हैं।
