Raipur Pakistani Heroin Case -रायपुर में पाकिस्तानी हेरोइन खरीदारों की तलाश, 350 अकाउंट फ्रीज: ड्रग्स बेचने वालों के खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन; कई सफेदपोश भी रडार पर
रायपुर में पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन बेचने वाले सिंडिकेट के खिलाफ पुलिस ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपियों से ड्रग्स किन-किन लोगों ने खरीदा। इसके लिए पुलिस अधिकारी तकनीकी जांच कर रहे हैं।
खरीदारों के 350 अकाउंट फ्रीज
जांच आसान बनाने और खरीदारों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने उन लोगों के अकाउंट फ्रीज करा दिए हैं, जिन्होंने आरोपियों के खातों में पैसे डाले थे। अब तक करीब 350 ऐसे अकाउंट सीज किए गए हैं।

800 से ज्यादा अकाउंट्स की पहचान
पुलिस को शक है कि जो लोग हेरोइन खरीदते थे, वे आगे उसे बेच भी रहे थे। जिन लोगों ने बड़ी रकम आरोपियों के अकाउंट में ट्रांसफर की है, वे सभी जांच के दायरे में हैं। जांच अधिकारियों का कहना है कि सिंडिकेट से संपर्क रखने वाले सभी लोगों से पूछताछ होगी। अभी तक 800 से ज्यादा अकाउंट्स की पहचान हो चुकी है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
17 आरोपी पहले ही गिरफ्तार
पाकिस्तानी हेरोइन रायपुर में बेचने वाले 17 लोगों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ये आरोपी कमल विहार इलाके को अपना अड्डा बनाकर 8 महीने से ड्रग्स का कारोबार कर रहे थे। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान उनके पास से 1 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद की थी।
अधिकारियों का कहना है कि इस सिंडिकेट से जुड़े कुछ सफेदपोश लोगों की जानकारी भी सामने आई है, जिनकी जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
चार एजेंसियां कर रहीं जांच
इस मामले की जांच रायपुर पुलिस के अलावा IB, NCB और ATS भी कर रही हैं। IB के अधिकारी मास्टरमाइंड लवजीत सिंह उर्फ बंटी से पूछताछ कर चुके हैं। उससे नेटवर्क, सप्लाई चेन और सिंडिकेट से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं।
कैसे खुला ड्रग्स सिंडिकेट का राज?

पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और SSP डॉ. लाल उमेद सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी। महीनों की निगरानी, बैंक ट्रेसिंग और तकनीकी सर्विलांस के बाद 3 अगस्त को रायपुर पुलिस ने कमल विहार स्थित फ्लैट में दबिश दी।
इस दौरान लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और अश्वन चंद्रवंशी पकड़े गए। मौके से 412.87 ग्राम हेरोइन, मोबाइल, कार, ड्रग पैकेजिंग सामग्री और लेन-देन के दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ के आधार पर कई स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटर्स और सप्लायर्स को भी गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क और रोल
पुलिस ने नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों जैसे लक्ष्य परिफल राघव उर्फ लव, अनिकेत मालाधरे, मनोज सेठ, मुकेश सिंह, जुनैद खान उर्फ सैफ चिला और राजविंदर सिंह उर्फ राजू को भी पकड़ा। सिंडिकेट में हर आरोपी का एक तय रोल था— कोई पैकेजिंग करता, कोई डिलीवरी, कोई अकाउंट संभालता और कोई नए ग्राहक लाता। इस तरह संगठित तरीके से नशे का कारोबार चलाया जा रहा था।
ड्रग्स सेवन कितना खतरनाक?
नशे का यह कारोबार सिर्फ अवैध नहीं बल्कि जानलेवा भी है। MDMA (मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन) जिसे मेफेड्रोन या एक्सटेसी भी कहा जाता है, इसकी कीमत करीब 15 हजार रुपए प्रति ग्राम होती है। इसके अलावा हेरोइन का सेवन बेहद खतरनाक है। अगर कोई व्यक्ति 3-4 बार इसका सेवन कर ले तो उसे लत लग जाती है। अधिक मात्रा में सेवन से मौत भी हो सकती है।
