
Raipur News- रायपुर में बिना अनुमति चल रहे अवैध क्लिनिक पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, डॉक्टर पर 20 हजार का जुर्माना
रायपुर के टाटीबंध क्षेत्र में स्थित एक निजी क्लिनिक पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। यह क्लिनिक बिना किसी पंजीयन और वैध अनुमति के हार्ट मरीजों का इलाज कर रहा था। शिकायत की पुष्टि के बाद प्रशासन ने इस क्लिनिक को बंद करवा दिया और क्लिनिक संचालक डॉ. वसी खान पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
यह अवैध क्लिनिक रायपुर एम्स के पास लक्ष्मी मेडिकल हॉल के दूसरी मंजिल पर संचालित हो रहा था। जिला प्रशासन को इस संबंध में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद, रायपुर से 3 अप्रैल को पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें क्लिनिक की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई थी। जांच के बाद पाया गया कि डॉ. वसी खान न तो पंजीकृत कार्डियोलॉजिस्ट हैं और न ही उनके पास क्लिनिक संचालन की अनुमति थी।
डॉ. खान बिना छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद और नर्सिंग होम एक्ट के तहत अनुमति लिए हृदय रोगियों का इलाज कर रहे थे। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए प्रशासन ने क्लिनिक को तत्काल बंद करवा दिया और आर्थिक दंड भी लगाया।
डॉ. वसी खान की सफाई
जब इस मामले में डॉक्टर वसी खान से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 15 अप्रैल को लोकल रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका रजिस्ट्रेशन नेशनल मेडिकल काउंसिल, दिल्ली में पहले से मौजूद है। साथ ही, उन्होंने कहा कि जिस क्लिनिक को लेकर चर्चा हो रही है, वह कुछ दिनों से बंद है।
डॉ. वसी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपनी क्लिनिक में कार्डियोलॉजी की प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे, बल्कि केवल सामान्य रोगियों का उपचार कर रहे थे। 22 अप्रैल को उन्हें CMO ऑफिस से भी नोटिस मिला था, जिसका उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वे पहले ही क्लिनिक बंद कर चुके हैं।
शैक्षणिक योग्यता और अनुभव
डॉ. वसी खान ने फॉरेंसिक मेडिसिन में MBBS और MD की डिग्री ली है और साथ ही कार्डियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है। उन्होंने दावा किया कि इन्हीं डिग्रियों के आधार पर उन्होंने रायपुर के प्रतिष्ठित नारायणा अस्पताल में पांच वर्षों तक सेवाएं दी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि रायपुर में लगभग 14 डॉक्टर इसी तरह की डिग्रियों के आधार पर निजी अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। देशभर में लगभग 1400 डॉक्टर इस योग्यता के आधार पर कार्डियोलॉजी क्षेत्र में कंसल्टेंट के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई के बाद अब यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में पंजीयन नियमों और क्लिनिकल प्रैक्टिस की पारदर्शिता को लेकर नई बहस को जन्म दे सकता है।