Raipur minor unnatural sex murder-:
रायपुर में गणेश देखने गए एक नाबालिग लड़के की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। आरोपियों ने वारदात से पहले उसके साथ अननैचुरल सेक्स भी किया था। हत्या के बाद लाश को झाड़ियों के बीच कीचड़ में छिपा दिया गया। लगभग 11 दिनों बाद, आसपास के लोगों को बदबू आने पर यह मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह मामला तिल्दा नेवरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस की जांच में सामने आया कि वारदात के बाद नाबालिग ने धमकी दी कि वह इस घटना के बारे में सबको बता देगा। इस बात से डरकर मुख्य आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर नाबालिग की हत्या कर दी और लाश को ठिकाने लगाया।
लापता हुआ और 11 दिन बाद मिली लाश
दरअसल, 14 साल के नाबालिग के पिता ने 26 अगस्त को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनका बेटा रात 10 बजे गणेश देखने जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं आया। पुलिस ने तत्काल गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
इस दौरान, 6 सितंबर को लड़के की लाश ग्राम कोटा स्थित बड़े तालाब के पास झाड़ियों के बीच कीचड़ में लिपटी हुई मिली। आसपास के लोगों ने दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ हत्या का खुलासा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नाबालिग के साथ अननैचुरल सेक्स और गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच और तेज करते हुए लोगों से पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि आखिरी बार नाबालिग को विजय धीरज के साथ गणेश देखने जाते हुए देखा गया था।
छत्तीसगढ़ इनसाइड न्यूज़ के टेलीग्राम चैनल में एड होने के लिए क्लिक करे
दोस्तों के साथ मिलकर हत्या करना कबूला
पुलिस ने विजय धीरज (24) को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने नाबालिग के साथ अननैचुरल कृत्य करने की बात स्वीकार की। उसने पुलिस को बताया कि नाबालिग के सबको इस बारे में बताने की धमकी से डरकर उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
इस मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों में से एक नाबालिग है, जबकि दूसरा आरोपी कुलदीप बंजारे (22) तिल्दा का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या के अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, पीड़ित और आरोपी दोनों पक्ष खेती-किसानी के काम से जुड़े हुए हैं।

आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। बालिग आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि नाबालिग आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है।

