
Raipur Karbala Talab -राजधानी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए गए सौंदर्यीकरण कार्य अब बदहाली की कहानी बयां कर रहे हैं। चौबे कॉलोनी के गीता नगर क्षेत्र में स्थित करबला तालाब इसका बड़ा उदाहरण है। इस ऐतिहासिक तालाब पर लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए पाथवे धंसक गए हैं और बाउंड्रीवाल जगह-जगह से टूट चुकी है। इस पर करीब 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च हुई थी, लेकिन अब गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि रायपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन ने लगभग 4-5 साल पहले इस तालाब का गहरीकरण कराया था और उसके मध्य एक टापू भी बनाया गया था। इसके चारों ओर पेवर ब्लॉक और बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया था। लेकिन अब वही दीवारें धंस रही हैं, क्योंकि निर्माण के समय कॉलम और बीम जैसी बुनियादी संरचना नहीं डाली गई थी।
🔸 स्थानीय रहवासियों की चिंता
स्थानीय निवासी संतोष कुमार यादव ने कहा, “जब से पाथवे धंसा है, तब से मैं अपने बच्चों को यहां लाना बंद कर चुका हूं। दीवार की हालत इतनी खराब है कि कभी भी हादसा हो सकता है। निर्माण की गुणवत्ता बहुत ही घटिया रही है और इसे जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।”
🔸 विधायक राजेश मूणत का निरीक्षण
हाल ही में रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने अधिकारियों के साथ तालाब का निरीक्षण किया था। उन्होंने अतिक्रमण हटाने और सौंदर्यीकरण दोबारा कराने के निर्देश दिए थे। अब नगर निगम इस तालाब के पुनरुद्धार के लिए करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से कार्य करने जा रहा है। विधायक मूणत ने विशेष रूप से पाथवे और बाउंड्रीवाल को मजबूत करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या दोबारा ना हो।
🔸 सवालों के घेरे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
यह मामला एक बार फिर स्मार्ट सिटी परियोजना की कार्यशैली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। जिस उद्देश्य से यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, वह अब असफल होता नजर आ रहा है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नतीजे निराशाजनक हैं।
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