Raipur drugs news
राजधानी रायपुर में पकड़े गए हाई-प्रोफाइल ड्रग्स सिंडिकेट की गूंज अब कोर्ट तक पहुंच गई है। पाकिस्तानी हेरोइन और दिल्ली से मंगाई गई MDMA की सप्लाई में पकड़ी गई इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक और विधि अग्रवाल को बुधवार को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। इसी केस से जुड़े आरोपियों ऋषि राज टंडन, मोनू बिश्नोई और हर्ष आहूजा को भी कोर्ट में पेश किया गया। सभी को जेल भेज दिया गया है।
इस दौरान पुलिस ने किसी भी आरोपी के रिमांड की मांग नहीं की। माना जा रहा है कि पुलिस के पास पूछताछ से पर्याप्त सबूत जुट चुके हैं। कोर्ट परिसर में बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वहीं, ‘ड्रग्स क्वीन’ नव्या चेहरा छिपाते नजर आई।
850 रईसजादे ड्रग्स नेटवर्क के संपर्क में

जांच में सामने आया है कि करीब 850 रईसजादे इस ड्रग्स नेटवर्क के संपर्क में थे। इसमें कई होटल कारोबारियों और नेताओं के बेटों तक के नाम शामिल हैं। पुलिस अब पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने और बड़ी गिरफ्तारियों की तैयारी में है।
पूछताछ से मिले चौंकाने वाले खुलासे

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पंजाब निवासी लवजीत सिंह, रायपुर के रुपिंदर उर्फ पाब्लो और नव्या मलिक से लंबी पूछताछ की गई।
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लवजीत और रुपिंदर से हेरोइन खरीददारों की जानकारी मिली।
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नव्या ने MDMA खरीदने वाले रसूखदारों के नाम उजागर किए।
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पाब्लो से पुलिस ने 25 घंटे तक पूछताछ की, उसने पाकिस्तान से ड्रोन और ट्रकों के जरिए ड्रग्स सप्लाई की जानकारी दी।
ड्रोन और ट्रक से होती थी सप्लाई
पाब्लो के सिंडिकेट में पाकिस्तान से ड्रग्स ड्रोन के जरिए बॉर्डर पार करवाई जाती थी। वहां से लड़के माल ट्रकों में रायपुर और देशभर में भेजते थे। दबाव बढ़ने पर दिल्ली-पंजाब के रास्ते रायपुर भेजा जाता था। पुलिस अब तक सिंडिकेट के 17 से ज्यादा आरोपियों को पकड़ चुकी है, कई अंडरग्राउंड हैं।
नव्या से 30 घंटे पूछताछ

मुंबई से गिरफ्तार नव्या मलिक से पुलिस ने पांच दिन की रिमांड पर लेकर करीब 30 घंटे पूछताछ की। उसने अपने मददगारों और ग्राहकों का नाम बताया। इसी के आधार पर पांच और आरोपियों को पकड़ा गया है।
किन इलाकों में सक्रिय था नेटवर्क?
नव्या के नेटवर्क में शंकर नगर, पेंशनबाड़ा, समता कॉलोनी, वीआईपी रोड, कटोरा तालाब, देवेंद्र नगर और तेलीबांधा जैसे पॉश इलाकों के कई रईसजादे शामिल थे।

इस तरह चलता था नशे का कारोबार
आरोपियों ने बताया कि नशे की सप्लाई पहले व्हाट्सऐप ग्रुप पर होती थी। बाद में सिर्फ परिचित ग्राहकों को ही ड्रग्स दी जाती थी। एडवांस पेमेंट लेकर होटल, पब, बार और आफ्टर पार्टी में डिलीवरी की जाती थी।

