Raipur Central Jail Rakshabandhan-
रायपुर। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर रायपुर सेंट्रल जेल में रिश्तों की डोर ने सलाखों के पार भी अपनापन बिखेर दिया। सुबह से ही दूर-दराज से आई बहनों का सैलाब जेल परिसर में उमड़ पड़ा। किसी के हाथ में सजी थाली थी, तो किसी के पल्लू में राखी और मिठाई बंधी थी।
जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्रिय ने बताया कि इस बार 2,953 बहनों ने 1,281 कैदियों की कलाई पर राखी बांधी। वहीं, 42 महिला कैदियों से मिलने 75 भाई पहुंचे। खास पल तब देखने को मिला, जब 16 महिला कैदियों ने भी अपने भाइयों को राखी बांधी।
फोर-लेयर सिक्योरिटी में मुलाकातें
रक्षाबंधन से एक दिन पहले ही 500 से अधिक बहनों ने मुलाकात के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया था। त्योहार के दिन सुबह से शाम तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी रही, ताकि कोई भी बहन अपने भाई से मिलने से वंचित न रहे।
जेल में चार-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी—
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पहला चेक: प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी जांच।
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दूसरा चेक: रजिस्ट्रेशन का क्रॉस-वेरिफिकेशन।
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तीसरा चेक: साथ लाए मिठाई के डिब्बों की जांच।
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चौथा चेक: बॉडी स्कैनिंग।
अब तस्वीरों में देखिए जेल की राखी…






भावुक पल और यादगार लम्हे
जेल के भीतर माहौल बेहद भावुक था। बहनें अपने भाइयों के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश कर रही थीं। सालभर का इंतजार चंद मिनटों में सिमट रहा था। जेल से बाहर निकलते समय कई बहनों की आंखें खुशी और जुदाई, दोनों के आंसुओं से भीगी थीं।
जेल प्रशासन ने उन कैदियों के लिए भी विशेष कार्यक्रम रखा जिनकी बहनें नहीं आ पाईं या जिनकी कोई बहन नहीं है। ब्रह्माकुमारी, गायत्री परिवार और अन्य सामाजिक संगठनों की बहनें भी पहुंचीं और कैदियों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें अपनेपन का अहसास कराया।
