
Raipur Bilaspur Highway –रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे में 5800 पैनल फेल: 4 साल में 127 KM की सड़क में दरारें, ठेका एजेंसी फिर से बना रही हाइवे
छत्तीसगढ़ के सबसे व्यस्ततम नेशनल हाइवे में से एक रायपुर-बिलासपुर NH के निर्माण में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। 1500 करोड़ रुपए की लागत से बनी 127 किमी लंबी कंक्रीट की यह सड़क महज चार साल में ही बुरी तरह खराब हो गई है।
इस सड़क में 4-5 मिमी से ज्यादा चौड़ी दरारें उभर आई हैं। इसके कारण ठेका एजेंसी को अब हजारों पैनल उखाड़कर दोबारा डालने पड़ रहे हैं।
6600 में से 5800 पैनल चटक गए, सितंबर तक पूरी सड़क दोबारा तैयार
NHAI के अनुसार:
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सड़क के 117 किमी हिस्से में कुल 6600 कंक्रीट पैनल डाले गए थे।
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दो साल बाद ही 5800 पैनल में 4 मिमी से ज्यादा चौड़ी दरारें आने लगीं।
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NHAI के नियमों के अनुसार यदि दरार 4 मिमी से ज्यादा हो तो पूरा पैनल बदलना अनिवार्य होता है।
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अब तक 5800 पैनल बदले जा चुके हैं, जबकि शेष 800 पैनल पर कार्य जारी है।
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सितंबर 2025 तक सड़क मरम्मत का पूरा कार्य समाप्त कर लिया जाएगा।
दूसरी बार बन रही सड़क, सफर में देरी और परेशानी
रायपुर से बिलासपुर तक करीब दो लाख वाहन प्रतिदिन चलते हैं। पहले यह सफर 2 घंटे में पूरा होता था, लेकिन सड़क की खस्ताहाली के कारण अब 3 घंटे से अधिक समय लग रहा है।
तीन कंपनियों को टेंडर, फिर भी नहीं मिली मजबूत सड़क
सड़क निर्माण के लिए 2018 में एनएचएआई ने:
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रायपुर-सिमगा: L&T को
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सिमगा-सरगांव: पुंज एलायड को
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सरगांव-बिलासपुर: दिलीप बिल्डकॉन को ठेका दिया था।
2021 तक पूरी सड़क तैयार हो गई, लेकिन महज 2-3 साल में ही दरारें आना शुरू हो गईं।
कंक्रीट पैनल की तकनीक, लेकिन घटिया क्वालिटी?
NHAI अफसरों के अनुसार:
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कंक्रीट सड़क को अलग-अलग हिस्सों (पैनल) में बनाया जाता है।
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फायदा यह कि खराब पैनल को आसानी से हटाकर फिर से बनाया जा सकता है।
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लेकिन इस प्रोजेक्ट में हर दूसरे पैनल में दरारें आने लगीं, जो घटिया सामग्री या तकनीक की ओर इशारा करती हैं।
शिकायतों के बाद जांच, NHAI ने दिए पैनल बदलने के आदेश
जब सड़क में लगातार दरारों की शिकायतें मिलने लगीं तो:
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NHAI अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए।
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जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई।
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चूंकि ठेका एजेंसी के साथ सड़क की देखरेख का 4 साल का अनुबंध था, इसलिए कंपनी को मरम्मत करनी ही पड़ी।
अधिकारी बोले – तय समय में सुधार कार्य पूरा होगा
“दरारें आने की वजह से पैनल बदलने का काम किया जा रहा है। सितंबर तक काम पूरा कर लिया जाएगा।”
— दिग्विजय सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI रायपुर
निष्कर्ष:
सिर्फ चार साल में 1500 करोड़ की कंक्रीट सड़क में 5800 पैनल फेल हो जाना दर्शाता है कि या तो निर्माण गुणवत्ता में लापरवाही हुई है या गड़बड़ी छिपाने की कोशिश। NHAI की त्वरित कार्रवाई और मरम्मत प्रक्रिया सराहनीय है, लेकिन भविष्य में इस तरह की बड़ी योजनाओं की सख्त निगरानी जरूरी है।