
Raigarh blind murder case-रायगढ़: ब्लाइंड मर्डर का खुलासा, नाबालिग समेत 6 आरोपी गिरफ्तार, हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने की थी कोशिश
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हुए एक अंधे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कोतरा रोड थाना क्षेत्र में हुए इस केस में पुलिस ने एक नाबालिग सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने इस हत्या को एक्सीडेंट जैसा दिखाने की साजिश रची थी और शव को नाले के पास फेंककर सबूत मिटाने का प्रयास किया गया।
मेडिकल कॉलेज से मिली थी सूचना:
घटना की शुरुआत 4 जून को हुई, जब रायगढ़ मेडिकल कॉलेज से उसरौट निवासी जलेश्वर सारथी (24 वर्ष) की मौत की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई, जिससे अहम सुराग मिले।
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गवाहों ने बताए अहम सुराग:
परिजनों के अनुसार, 2 जून की रात जलेश्वर को सत्यनारायण सिदार के घर में देखा गया था। वहीं, एक अन्य युवक किशन सिदार उर्फ भुरू को नाले की रेलिंग पर पानी डालते हुए देखा गया, जिससे पुलिस को हत्या की आशंका हुई।
सबूत मिटाने की साजिश का खुलासा:
किशन सिदार से पूछताछ में सामने आया कि सत्यनारायण के कहने पर वह खून से सने जूते और रेलिंग को कीटनाशक छिड़काव मशीन से धो रहा था, ताकि सबूत न मिल सके। जब पुलिस ने सत्यनारायण को हिरासत में लिया, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली।
टांगी से वार कर की गई हत्या:
सत्यनारायण ने बताया कि 2-3 जून की रात उसका अपने भाई कृपाराम सिदार से झगड़ा हो गया था। इस दौरान जलेश्वर बीच-बचाव करने आया, तो गुस्से में आकर सत्यनारायण ने उसे टांगी से वार कर दिया। जलेश्वर गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे मृत मानकर घरवालों ने उसे नाले के पास ले जाकर छोड़ दिया।
इन आरोपियों की रही संलिप्तता:
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सत्यनारायण सिदार (29 वर्ष)
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कृपाराम सिदार (32 वर्ष)
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डिलेश्वर सिदार (40 वर्ष)
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लक्ष्मी सिदार (35 वर्ष, भाभी)
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किशन सिदार उर्फ भुरू (22 वर्ष)
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एक नाबालिग (नाम उजागर नहीं)
इन सभी ने मिलकर शव को गांव के नाले के पास फेंका और हत्या को छिपाने का प्रयास किया।
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बरामद सामान और कानूनी कार्रवाई:
पुलिस ने धारा 103(1), 238, 3(5) BNS के तहत अपराध दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटनास्थल से टांगी, कीटनाशक छिड़काव मशीन समेत अन्य सबूत भी बरामद किए गए।
जांच में रही इनकी अहम भूमिका:
इस मामले के खुलासे में एसपी दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, डीएसपी सुशांतो बनर्जी के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी त्रिनाथ त्रिपाठी, एएसआई डीपी चौहान, प्रधान आरक्षक करुणेश राय, आरक्षक चंद्रेश पांडे, शुभम तिवारी, संजय केरकेट्टा, घनश्याम सिदार व महिला आरक्षक श्यामा सिदार की अहम भूमिका रही।
निष्कर्ष:
रायगढ़ पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस का समय रहते खुलासा कर यह साबित कर दिया है कि चाहे कितनी भी योजना बना ली जाए, अपराध छिप नहीं सकता। नाबालिग की संलिप्तता और पूरे परिवार की भागीदारी ने इस हत्याकांड को और भी गंभीर बना दिया है। पुलिस की तत्परता से न्याय की उम्मीद बनी हुई है।