
Rahul Gandhi Statement – ‘संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए RSS-BJP को’ बयान पर शशि थरूर का समर्थन, बोले- “राहुल गांधी ने ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर किया”
Shashi Tharoor Supports Rahul Gandhi on Manusmriti Statement: कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राहुल गांधी के विवादास्पद बयान का समर्थन किया है, जिसमें राहुल ने कहा था कि “RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए”। इस बयान पर जहां एक ओर राजनीति गरमाई हुई है, वहीं थरूर ने इसे “ऐतिहासिक रूप से सटीक टिप्पणी” बताया है।
राहुल गांधी का पूरा बयान
राहुल गांधी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा था:
“RSS का नकाब फिर उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि यह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा:
“संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना ही इनका असली एजेंडा है। RSS को ये सपना देखना छोड़ना होगा — हम कभी उन्हें सफल नहीं होने देंगे। हर देशभक्त भारतीय अंतिम सांस तक संविधान की रक्षा करेगा।”
थरूर ने क्या कहा?
तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी के बयान का बचाव करते हुए कहा:
“राहुल गांधी ने जो कहा है, वो ऐतिहासिक दृष्टि से बिल्कुल सही है। जब संविधान को अपनाया गया था, तब आरएसएस के तत्कालीन प्रमुख एम.एस. गोलवलकर ने कहा था कि इसमें मनुस्मृति का कोई उल्लेख नहीं होना इसकी सबसे बड़ी खामी है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“आज की तारीख में आरएसएस शायद उस समय से आगे निकल चुका हो, लेकिन यह एक ऐतिहासिक संदर्भ था और इस पर प्रतिक्रिया देने का जिम्मा खुद आरएसएस पर है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया और बहस
राहुल गांधी के बयान के बाद BJP नेताओं ने इसे “जातिवादी और भड़काऊ” करार दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी इसे सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जरूरी बयान बता रही है।
ऐतिहासिक संदर्भ: मनुस्मृति और संविधान
मनुस्मृति एक प्राचीन हिंदू धर्मशास्त्र है जिसे जाति आधारित सामाजिक व्यवस्था का आधार माना जाता है, जबकि भारतीय संविधान समानता, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। संविधान को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मुख्य रूप से तैयार किया था, जो मनुस्मृति के कड़े आलोचक थे।
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