
Rahul Gandhi का पुंछ दौरा: पीड़ितों से मिले, बच्चों का बढ़ाया मनोबल, गोलाबारी से नुकसान का लिया जायजा
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने 18 मई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया। यह दौरा उस समय हुआ जब हाल ही में सीमा पार से पाकिस्तान द्वारा की गई भारी गोलाबारी से जिले में जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ था। राहुल गांधी ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया, शोक-संतप्त परिवारों से मुलाकात की और स्कूली बच्चों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया।
जम्मू से पुंछ की यात्रा
शनिवार सुबह Rahul Gandhi जम्मू हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां से वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुंछ के लिए रवाना हुए। उनके साथ जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा भी मौजूद थे। पुंछ पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले उन इलाकों का दौरा किया जहां हाल ही में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी और मोर्टार शेलिंग हुई थी।
पीड़ित परिवारों से मुलाकात
Rahul Gandhi ने गोलीबारी में अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों से मुलाकात की और संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है और सरकार को चाहिए कि वह पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा और पुनर्वास सहायता प्रदान करे।
उन्होंने गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए घरों और संरचनाओं का भी जायजा लिया। स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि रातों-रात उनके घरों को निशाना बनाया गया, जिससे वे भयभीत हो गए और बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा।
स्कूल का दौरा और बच्चों से बातचीत
Rahul Gandhi ने पुंछ के एक सरकारी स्कूल का भी दौरा किया। इस स्कूल के कई छात्र और शिक्षक पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान घायल हुए थे। कांग्रेस नेता ने बच्चों से संवाद करते हुए कहा:
“अब आपने एक खतरनाक और डरावनी स्थिति देखी है, लेकिन चिंता मत करो, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। तुम्हारा हथियार पढ़ाई, खेल और दोस्ती है। पढ़ाई में लगो, खूब खेलो और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करो।”
उनकी बातों से बच्चों और अभिभावकों को मनोबल मिला और एक भावनात्मक माहौल बन गया।
धार्मिक स्थलों का भी दौरा
कांग्रेस नेताओं ने उन धार्मिक स्थलों का भी दौरा किया जिन्हें पाकिस्तानी गोलाबारी में नुकसान पहुंचा था। उन्होंने एक स्थानीय गुरुद्वारा और मंदिर में जाकर प्रार्थना की और स्थानीय समुदाय के साथ एकजुटता जताई। राहुल गांधी ने कहा कि धर्मस्थलों पर हमला सिर्फ ईंट-पत्थरों पर नहीं, हमारी सांस्कृतिक पहचान और भावनाओं पर हमला है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी पाकिस्तान की गोलाबारी
7 मई को भारतीय सेना द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए गए थे। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए नरसंहार के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से पुंछ सेक्टर में गोलाबारी तेज हो गई थी।
जान-माल का नुकसान
7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से की गई आर्टिलरी शेलिंग, मिसाइल और ड्रोन हमलों में जम्मू-कश्मीर में 28 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 13 सिर्फ पुंछ जिले से थे। 70 से अधिक लोग घायल हुए और हजारों नागरिकों को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास से पलायन कर सरकारी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
संघर्षविराम की कोशिशें
चार दिनों तक चले इस सैन्य संघर्ष के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम लागू करने पर सहमति बनी। हालांकि सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव अब भी बना हुआ है, और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है।
पहलगाम हमले के बाद राहुल की दूसरी यात्रा
Rahul Gandhi की यह जम्मू-कश्मीर की दूसरी यात्रा है। इससे पहले 25 अप्रैल को उन्होंने श्रीनगर का दौरा किया था और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल लोगों से मुलाकात की थी। उस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
तब राहुल गांधी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की थी और हालात की गंभीरता पर चर्चा की थी।
कांग्रेस का बयान
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राहुल गांधी के दौरे को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा:
“सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ में हुआ है। Rahul Gandhi ने स्वयं जाकर हर एक प्रभावित व्यक्ति से बात की, बच्चों का मनोबल बढ़ाया और सरकार से मांग की है कि हर पीड़ित को न्याय और सहायता मिले।”
राजनैतिक और सामाजिक संदेश
Rahul Gandhi का यह दौरा न केवल मानवीय संवेदना दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि विपक्षी नेता जनता के बीच जाकर ज़मीनी सच्चाई समझने और उनकी आवाज़ बनने को तैयार हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल राहत और दीर्घकालीन पुनर्वास नीति लागू करने की मांग की।
मीडिया और जन प्रतिक्रिया
Rahul Gandhi के पुंछ दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए जा रहे हैं। कई लोगों ने उनकी पहल की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे एक राजनीतिक रणनीति भी बताया। हालांकि प्रभावित परिवारों ने कांग्रेस नेता की उपस्थिति को सच्ची सहानुभूति और समर्थन बताया।
निष्कर्ष
Rahul Gandhi का पुंछ दौरा उस समय हुआ जब जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंक और सीमा पार से खतरे के साये में है। उनकी यह यात्रा ना केवल पीड़ितों के लिए सहारा बनी बल्कि एक राजनैतिक संदेश भी कि जनता के दुःख-दर्द में उनकी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
सीमा पर रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा, पुनर्वास और शिक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर सरकार को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे दौरे सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि कार्यनीतिक सुधार की मांग भी बन जाते हैं।
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