PMFBY-
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में बड़े बदलावों को औपचारिक मंजूरी दे दी है। नई प्रक्रिया के तहत अब जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान और अधिक बारिश/जलभराव से धान की फसल खराब होने के मामलों को भी बीमा कवरेज में जोड़ा गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और इसे किसानों के लिए बड़ी सौगात बताया। मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे समय पर फसल बीमा कराएं ताकि अधिक से अधिक सुरक्षा मिल सके।
प्रिय किसान बहनों और भाइयों…
आज आपको एक खुशखबरी दे रहा हूँ। प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नुकसान पर हमारे प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई है।
लेकिन इसमें दो नुकसान कवर नहीं थे, जिसकी लंबे समय से आप मांग कर रहे थे।
पहला:- जंगली… pic.twitter.com/sERW3pK7kz
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 20, 2025
अब किन नुकसानों का मिलेगा बीमा लाभ?
मंत्रालय के अनुसार नई स्वीकृत प्रक्रिया में दो बड़े बदलाव किए गए हैं—
✔ 1. जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान शामिल
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इसे ‘लोकलाइज्ड रिस्क श्रेणी’ में 5वें ऐड-ऑन कवर के रूप में जोड़ा गया है।
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हाथी, नीलगाय, जंगली सूअर, हिरण, बंदर आदि से होने वाला नुकसान कवर किया जाएगा।
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राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों और जंगली जानवरों की सूची अधिसूचित करेंगी।
✔ 2. धान जलभराव को भी शामिल किया गया
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अधिक वर्षा, नदी-नालों के उफान या जलभराव से धान की फसल खराब होने पर भी बीमा दावा किया जा सकेगा।
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इसे 2018 में हटाया गया था, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था।
दावा कैसे करें? – 72 घंटे में सूचना जरूरी
संशोधित नियमों के तहत:
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किसान को 72 घंटे के भीतर फसल क्षति की सूचना देना होगी।
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सूचना फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग्ड फोटो के साथ अपलोड करनी होगी।
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इसके बाद तकनीक-आधारित और समयबद्ध तरीके से दावा निपटान किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार ये प्रक्रियाएं वैज्ञानिक, पारदर्शी और व्यवहारिक हैं और खरीफ 2026 से पूरे देश में लागू होंगी।
क्यों लिया गया यह बड़ा निर्णय?
देशभर में किसानों द्वारा लंबे समय से इन समस्याओं को PMFBY में शामिल करने की मांग की जा रही थी:
✔ जंगली जानवरों से फसल नुकसान
वन क्षेत्रों, गलियारों और पहाड़ी इलाकों में बसे किसान अक्सर हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय और बंदरों के हमलों से फसल क्षति का सामना करते हैं।
पहले यह नुकसान बीमा योजना में शामिल नहीं था।
✔ धान जलभराव
तटीय और बाढ़ संभावित जिलों में धान की खेती हर साल जलभराव से प्रभावित होती रही है।
इस जोखिम के हटने से किसानों के लिए एक बड़ा “सुरक्षा अंतर” पैदा हो गया था।
अब दोनों प्रकार की क्षति शामिल होने से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
किन राज्यों के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा?
नई प्रक्रिया का अधिकतम लाभ इन राज्यों में मिलेगा:
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ओडिशा
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छत्तीसगढ़
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झारखंड
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मध्य प्रदेश
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महाराष्ट्र
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कर्नाटक
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तमिलनाडु
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केरल
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उत्तराखंड
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हिमालयी व उत्तर-पूर्वी राज्य:
असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश आदि
यह वे इलाके हैं जहां जंगली जानवरों और जलभराव दोनों से नियमित रूप से फसलें नष्ट होती हैं।
धान जलभराव वाले राज्यों को मिलेगा विशेष लाभ
धान की खेती से जुड़े राज्यों—
ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तराखंड—में यह बदलाव सीधा राहत देगा, जहां हर वर्ष जलभराव से बड़ी हानि होती है।
